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छोटा कद, मामूली चेहरा, लेकिन कॉमेडी का किंग बन गया कंपनी का मजदूर

Manish Sahu
19 Aug 2023 12:15 PM GMT
छोटा कद, मामूली चेहरा, लेकिन कॉमेडी का किंग बन गया कंपनी का मजदूर
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मनोरंजन: मुंबई.जॉनी लीवर ने अपने करियर में 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. इनमें से ज्यादातर फिल्मों में जॉनी ने अपनी कॉमेडी से चार चांद लगा दिए. कंपनी में मजदूरी का काम करने से शुरू हुआ ये सफर जॉनी को कॉमेडी का किंग बना गया. जॉनी लीवर ने अपनी जिंदगी में मेहनत कर ऐसी मिसाल कायम की है, जिसे अभिनय के क्षेत्र में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी. आज जॉनी लीवर के पास कई लग्जरी कारें, आलीशान घर और करोड़ों की संपत्ति है.
छोटा कद, मामूली चेहरा और बेमिसाल टैलेंट, यही तीन शब्द जॉनी लीवर की सफलता के शिखर कहानी बयां करते हैं. हिंदुस्तान लीवर कंपनी में सबसे छोटे तबके के कर्मचारी से बॉलीवुड में कॉमेडी का किंग बनने का सफर बेहद दिलचस्प है. जॉनी लीवर ने अपनी कॉमेडी से करीब 2 दशकों और 2 पीढ़ियों का दिल बहलाया. जॉनी लीवर की जिंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. तेलुगू परिवार में 14 अगस्त 1957 को आंध्रप्रदेश में जन्मे जॉनी के पिता मुंबई की हिंदुस्तान यूनिलीवर में ऑपरेटर के पद पर काम करते थे. महज 2 साल की उम्र में मुंबई के धारावी इलाके के स्लम में जॉनी अपने 4 भाई-बहनों और माता-पिता के साथ रहने लगे. पांच बच्चों के खर्चे का बोझ और कम तनख्वाह में जॉनी के पिता की जिंदगी बीत रही थी. जॉनी अपने 5 भाई-बहनों में सबसे बड़े थे तो महज 7वीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ पिता के साथ परिवार की जिम्मेदारियां संभाल लीं.
जॉनी लीवर ने अपने पिता के साथ यूनीलीवर में काम करना शुरू कर दिया. 13 बार फिल्म फेयर में नॉमिनेट और 2 बार अवॉर्ड जीतने वाले जॉनी लीवर आज इंडस्ट्री के कॉमेडी किंग हैं. जॉनी लीवर ने अपने करियर की शुरुआत भी कॉमेडी से ही की. जॉनी महज 18 साल के थे और यूनीलीवर में मजदूरी करते थे. जॉनी का असली नाम जॉन प्रकाश राव जानुमाला है. हिंदुस्तान लीवर कंपनी में काम करने के दौरान कंपनी के एक कार्यक्रम में जॉनी लीवर को स्टेज कॉमेडी के लिए बुलाया गया. यहां 18 साल के जॉनी ने अपने बॉस लोगों की ऐसी मिमिक्री की लोग हंस हंस के लोटपोट हो गए. यहीं से लोगों ने उन्हें जॉनी लीवर नाम दिया. यहीं से जॉनी का सपना जागा और जॉनी आज बॉलीवुड में कॉमेडी के बादशाह बन गए हैं
जॉनी लीवर का बचपन काफी गरीबी में बीता. 70 के दशक में कॉमेडी में अपनी जमीन तलाशने वाले जॉनी का बचपन बेहद गरीबी में बीता. साल 2015 में जी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में जॉनी बताते हैं, 'मेरे पिता यूनीलीवर कंपनी में काम करते थे. उनकी तनख्वाह कम थी और बच्चे 5 थे. मैं सबसे बड़ा था. जब मैं 7वीं कक्षा में पढ़ता था तभी पैसों की तंगी के चलते स्कूल छूट गया. हम धारावी के स्लम में रहते थे. यहां हर साल बारिश में पानी भर जाता था. साथ ही मेरे छत से भी पानी टपकता था जिसकी बूंदों को मैं कटोरी में इकट्ठा किया करता था. यहीं से मेरा डांस का शौक बढ़ा.'
स्कूल छोड़ने के बाद जॉनी लीवर ने कंपनी में मजदूरी शुरू कर दी और स्टेंडअप कॉमेडी में अपना करियर बनाने का सपना देखने लगे. जॉनी लीवर बॉलीवुड के कॉमेडियन महमूद, जॉनी वॉकर से काफी प्रभावित थे. साथ ही किशोर कुमार के भी तगड़े फैन थे. कॉमेडी के शुरुआती दिनों में जॉनी की मुलाकात तत्कालीन दिनेश हींगो और नरेला वेनुमाधव से हुई. दोनों 70 और 80 के दशक के स्टेंडअप कॉमेडियन थे. दोनों से जॉनी ने कॉमेडी के बेसिक्स सीखे. साथ ही जॉनी ने प्रताप जानी को अपना मेंटोर बनाया.
अपनी फैक्ट्री हिंदुस्तान यूनिलिवर में अपनी कॉमेडी से काफी नाम कमा चुके जॉनी की किस्मत के दरवाजे की घंटी बजी और जॉनी को आनंद जी कल्याणजी के आर्केस्ट्रा में चुना गया. इस ग्रुप की संगीत मंडली के साथ जॉनी लीवर ने काम करना शुरू किया. साथ ही इसी मंडली के साथ जॉनी ने पूरी दुनिया में कार्यक्रम किए. साथ ही नौकरी छोड़कर स्ट्रगल करना शुरू कर दिया. इस टूर के पहले दिन ही 1982 में अमिताभ बच्चन से जॉनी की मुलाकात हुई. 80 का दशक शुरू हो गया था. एक दिन मंडली के साथ पर्फोमेंस देखते हुए सुनील दत्त ने जॉनी लीवर को साल 1982 में आई फिल्म 'दर्द का रिश्ता' में कास्ट कर लिया. बस यहीं से जॉनी की जिंदगी में फिल्मों का सफर शुरू हो गया. देखते ही देखते जॉनी कॉमेडी में बड़ा नाम बन गए. साल 1986 में जॉनी लीवर को शेखर कपूर ने अपने कर्मशियल कछुआ छाप में जॉनी को कास्ट किया. साथ ही जॉनी ने अपना कॉमेडी शो हंसी के हंगामे का कैसेट रिलीज किया. ये कैसेट खूब हिट रहा. इसके साथ ही जॉनी ने होप-86 के नाम से एक चैरिटी शो किया जिसमें भी उन्हें काफी पसंद किया गया. इसके बाद जॉनी लीवर कॉमेडी में हिट हो गए और खूब नाम और पैसा कमाया.
जॉनी लीवर अपनी सफलता के चरम पर बहक गए थे. जॉनी रोजाना डेढ़ बोतल शराब पीने लगे थे. जॉनी ने इस बारे में बात करते हुए सिग्मा फिल्म्स को दिए इंटरव्यू में बताया, 'मेरे पास काम और पैसे की कमी नहीं थी. मेरे सिर पर सफलता चढ़ गई थी. मैं रोज डेढ़ बोतल शराब पीता था और 4 पैकेट सिगरेट पी जाता था. मेरी पत्नी मुझे रोकती थी तो मुझे गुस्सा आता था. मेरे मन में चलता था कि मैं अपनी दम पर पैसा कमाया है और मैं इसे जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकता हूं. लेकिन ये ज्यादा लंबा नहीं चला.' जॉनी लीवर के बेटे जैसी लीवर को ट्यूमर हो गया. जिसका इलाज असंभव हो गया. यहां से जॉनी की जिंदगी ने फिर करवट ली और अमेरिका इलाज के लिए जाना पड़ा. यहां एक चर्च में प्रेयर के दौरान एक पादरी ने जॉनी को एक अस्पताल का पता दिया और यहां इलाज कराने के बाद जॉनी का बेटा ठीक हो गया. इसके बाद से जॉनी का फेथ लौट आया और उन्होंने तभी से शराब, सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया. इतना ही नहीं जॉनी ने इसके बाद केवल फैमिली कॉमेडी करने का फैसला लिया. नग्नता और फूहड़ता कॉमेडी से किनारा कर लिया. आज जॉनी हिंदुस्तान के दिग्गज कॉमेडियन्स में गिने जाते हैं.
जॉनी लीवर अब तक 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं. साथ ही 3 जनरेशन के एक्टर्स के साथ कॉमेडी का जलवा बिखेरने वाले जॉनी लीवर अब पैसे में भी किसी से कम नहीं है. बचपन में गरीबी के कारण स्कूल छोड़ने वाले जॉनी के पास एक खूबसूरत बंगला, ढेर सारी लग्जरी गाड़ियां और एक हंसता खेलता परिवार है.
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