सिद्धांत चतुर्वेदी बोले, 'चाहता हूं कि बलिया के लोग मेरी कामयाबी पर गर्व कर सकें'

उत्तर प्रदेश की धरती से नाता रखने वाले और हिंदी सिनेमा में अपनी दमदार चमक लगातार दिखाते रहने वाले वाले अमिताभ बच्चन, अनुष्का शर्मा और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे सितारों में नया नाम सिद्धांत चतुर्वेदी का जुड़ा है। फिल्म 'गली ब्वॉय' में रैपर एमसीशेर बने सिद्धांत उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से हैं और बतौर लीड हीरो अपनी पहली फिल्म 'बंटी और बबली 2' की रिलीज से पहले अपने बचपन, अपने बलिया के दोस्तों और अपने सूबे को खूब याद कर रहे हैं। वह कहते हैं, 'मेरी हमेशा से ये इच्छा रही कि मैं अपने जिले का नाम दुनिया भर में रोशन करूं और एक दिन कुछ ऐसा करूं कि बलिया के नाम के साथ मेरा नाम भी हमेशा के लिए जुड़ जाए।'
हिंदी सिनेमा में अपन जगह बनाने के लए सिद्धांत चतुर्वेदी ने लंबा संघर्ष किया है। वह लगातार खुद को मांजते रहे और फिल्म 'गली ब्वॉय' में जब उन्हें हिंदी सिनेमा के नंबर वन हीरो रणवीर सिंह के साथ मौका मिला तो उन्हें इसे अपनी किस्मत में बदल दिया। अपनी असल जिंदगी में काफी सहज और सुलझे दिखने वाले सिद्धांत कहते हैं, "उत्तर प्रदेश के बलिया जैसे छोटे शहर से आने वाले किसी व्यक्ति के लिए हिंदी सिनमा में ब्रेक पाना और अब एक कमर्शियल बड़ी हिंदी फिल्म का हीरो बनना वास्तव में किसी सपने के सच होने जैसा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा कर पाऊंगा क्योंकि मैंने खुद की तरह छोटे शहरों से आने वाले बहुत से प्रतिभाशाली लोगों को देखा है जिनको लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।"
सिनेमा में करियर बनाने के सपने देखने वालों के लिए सिद्धांत सलाह भी देते हैं। वह कहते हैं कि संघर्ष यहां बहुत है और किसी भी दूसरे क्षेत्र की तरह यहां बिना पक्की तैयारी के कुछ हासिल नहीं होता। वह कहते हैं, "यह बहुत मुश्किल है लेकिन मुझे यह बात स्वीकार करनी होगी कि संघर्ष से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। इस संघर्ष ने मेरे पैर हमेशा जमीन पर रखे। मुझे हकीकत से कभी दूर नहीं होने दिया और ये भी कि हर कामयाबी के पीछे मेहनत और मशक्कत का एक लंबा सिलसिला होता है। मेरे संघर्ष ने मुझे मजबूत बनाया है। मुझे यहां तक लाने के लिए मैं निर्देशक जोया अख्तर का भी शुक्रगुजार हूं।"
अब जबकि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सिद्धांत का नाम बन चुका है। यशराज फिल्म्स जैसी प्रोडक्शन कंपनी ने उन्हें अपने साथ ले लिया है तो आगे क्या? सिद्धांत कहते हैं, "मैं अपने काम से अपने जिले बलिया की नुमाइंदगी करना चाहता हूं। मैं वहां के लोगों को इस बात पर इतराने का मौका देना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर से निकलकर मैं यहां तक पहुंच पाया। मेरा संघर्ष उन सभी लोगों का संघर्ष है जो देश में दूरदराज के छोटे शहरों में रहते हैं और अपने हुनर से कुछ अलग कर दिखाना चाहते हैं। अब मेरा सपना बस यही है कि सिनेमा के अच्छे कलाकारों में मेरी गिनती हो और इसके लिए मैं लगातार संघर्ष करने के लिए तैयार हूं।"
