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फिल्मी ड्रामे से कम नहीं थी श्रवण की जिंदगी की कहानी

Shantanu Roy
1 Nov 2021 1:23 PM GMT
फिल्मी ड्रामे से कम नहीं थी श्रवण की जिंदगी की कहानी
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बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण (Nadeem-Shravan ) को हमेशा से दर्शकों ने खूब प्यार दिया है. ऐसे में आज श्रवण राठौड़ ( Shravan Rathod) का लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया.

जनता से रिश्ता। बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण (Nadeem-Shravan ) को हमेशा से दर्शकों ने खूब प्यार दिया है. ऐसे में आज श्रवण राठौड़ ( Shravan Rathod) का लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया. बता दें, संगीतकार श्रवण राठौड़ कोरोना वायरस से संक्रमित थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उनका इलाज राहेजा हॉस्पिटल में चल रहा. अब से कुछ देर पहले ही बॉलीवुड के ट्रेड एनालिस्ट तरन आदर्श ने उनके निधन की खबर की पुष्टि की है.

1990 में चमके सितारे
1990 के दशक में नदीम-श्रवण की जोड़ी ने बॉलीवुड में कई हिट नंबर दिए. जहां नदीम सैफी अपने साथी श्रवण राठौर के साथ मिलकर कई शानदार गानों से बॉलीवुड में बेहतरीन काम कर रहे थे. जहां फिल्म आशिकी की रिलीज के बाद तो दोनों की किस्मत ही खुल गई. उस दौरान बॉलीवुड का हर बड़ा प्रोड्यूसर इस जोड़ी से अपने रोमांटिक गानों की धुन बनवाना चाहता था. इस जोड़ी के गानों की धुन सबसे अलग हुआ करती थी, जिन्हें आज भी लोग गुनगुनाते रहते हैं.
क्या था इस जोड़ी में सबसे अलग
श्रवण ने अपने एक खास इंटरव्यू में बताया था कि उनकी जोड़ी को एस.डी.बर्मन के गाने बहुत ज्यादा पसंद थे. जिस वजह से वो हमेशा स्टूडियो में बैठकर उनके गाने सुना करते थे. अपने इंटरव्यू में श्रवण ने बताया था कि एस.डी.बर्मन अपने गानों में बांसुरी का खूब इस्तेमाल किया करते थे. जिस वजह से हमने भी एक अलग अंदाज में बांसुरी का इस्तेमाल अपने गानों में करना शुरू किया और लोगों को वो धुन भी बहुत पसंद आया करती थी. उन्होंने अपनी बातों के दौरान बताया था कि जो इमोशन बांसुरी में है वो किसी में नहीं है.
कैसे टूटी नदीम – श्रवण की जोड़ी
साल 2005 में इस जोड़ी ने दोस्ती फिल्म में अपना म्यूजिक आखिरी बार दिया और ये जोड़ी पूरी तरह से टूट गई.
गुलशन कुमार की हत्या का शक
नदीम और श्रवण की जोड़ी 1979 में भोजपुरी फिल्म दंगल के संगीत के रिलीज के साथ सामने आया. इन दोनों ने हिंदी फिल्म मैंने जीना सीख लिया का संगीत दे कर पहली बार एंट्री दिलाई थी, लेकिन इस जोड़ी को शोहरत मिली टी-सीरीज की महेश भट्ट निर्देशित फिल्म आशिकी के संगीत से. उस दौरान ये जोड़ी टी-सीरीज की सबसे पसंदीदा जोड़ी बन गई थी. जिस गुलशन कुमार ने नदीम को ऊंचाइयों पर पहुंचाया, उसी गुलशन कुमार की हत्या के आरोपी नदीम सैफी को देश छोड़ कर लंदन में जाकर बसना पड़ा.
अंडरवर्ल्ड से था तगड़ा कनेक्शन
नदीम-श्रवन बॉलीवुड के बड़े नाम थे, जहां कहा ये भी जाता है कि दोनों का कनेक्शन अंडरवर्ल्ड से भी तगड़ा था. जिस वजह से इन दोनों की जोड़ी खूब सुर्खियां बटोरा करती थीं. जानकारी के मुताबिक नदीम ने 1997 में अबू सलेम को गुलशन कुमार की सुपारी दी थी. जिसके बाद दो शार्प शूटर दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप ने गुलशन कुमार की हत्या की थी. 9 जनवरी 2001 को विनोद जगताप ने कुबूल किया कि उसने गुलशन कुमार को गोली मारी. जिसके बाद साल 2002 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.


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