जावेद अख्तर को कारण बताओ नोटिस, तालिबान से की थी आरएसएस की तुलना
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बॉलीवुड के जाने-माने लेखक जावेद अख्तर अक्सर मीडिया में कही अपनी बातों को लेकर विवादों से घिर जाते हैं। हाल ही में जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना कथित रूप से तालिबान से की थी। इस मामले में महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत में जावेद अख्तर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है। जानकारी के अनुसार, इसी मामले में कोर्ट ने सोमवार को जावेद अख्तर को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
12 नवम्बर तक मांगा है जवाब
इसके साथ ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और सीनियर डिवीजन की अदालत में आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने जावेद अख्तर के खिलाफ मुकदमा दायर करते हुए उनसे मुआवजे के रूप में एक रुपए की मांग की है। कोर्ट ने जावेद अख्तर के खिलाफ जारी नोटिस का जवाब 12 नवंबर तक मांगा है।
100 करोड़ हर्जाने की मांग
दरअसल, इस मामले से जुड़े वकील संतोष दुबे का कहना था कि अगर जावेद अख्तर 'बिना शर्त लिखित माफी' मांगने और नोटिस मिलने के सात दिनों के भीतर जवाब देने में विफल हुए तो वह अख्तर से 100 करोड़ रुपये हर्जाने के रूप में मांगते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराएंगे। वकील का दावा था कि इस तरह की बयानबाजी करके जावेद अख्तर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अपराध किया है।
क्या था पूरा मामला
दरअसल, एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान 76 वर्षीय लेखक और कवि जावेद अख्तर ने आरएसएस का नाम लिए बिना ही कहा था, 'तालिबान एक इस्लामी देश चाहता है और ये लोग हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।' इससे पहले जब जावेद अख्तर ने आरएसएस को लेकर टिप्पणी की थी, तब एक वकील ने लीगल नोटिस भेजकर उनसे माफी मांगने के लिए कहा था।