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बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत द्वारा दायर याचिका को आज खारिज कर दिया। कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जावेद अख्तर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने की याचिका दी थी। जिसे हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया है और कंगना को बड़ा झटका लगा है। दरअसल मामला पिछले साल नवंबर 2020 का है। जब जावेद अख्तर ने कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई थी। सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद कंगना ने जावेद अख्तर पर कई तरह के आरोप लगाए थे, जिसके बाद गीतकार ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया था। कंगना की तरफ से दायर इस याचिका में उन्होंने जावेद अख्तर द्वारा दर्ज किए गए मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने का आग्रह किया था। अब कंगना की यही याचिका खारिज कर दी गई है और कोर्ट का कहना है कि दायर अवमानना केस रद्द नहीं होगा।
कंगना रनौत ने अपने वकील रिजवान सिद्दीकी के मार्फत मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी थी और कहा था कि उपनगर अंधेरी की मजिस्ट्रेट अदालत इस मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. रनौत ने अपनी अर्जी में कहा था कि निचली अदालत ने शिकायतकर्ता एवं उनके विरूद्ध दर्ज शिकायत में नामजद गवाहों का स्वतंत्र रूप से परीक्षण नहीं किया बल्कि उसने बस जुहू पुलिस के विवेक पर भरोसा कर लिया एवं उनके विरूद्ध मामला शुरू कर दिया.
सिद्दीकी ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे की एकल पीठ से कहा था कि अख्तर की शिकायत की पुलिस जांच 'एकतरफा' है. उन्होंने अपनी मुवक्किल की ओर से कहा, 'मेरे गवाहों का कभी परीक्षण ही नहीं किया गया. मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि किसी भी पक्ष का उत्पीड़न नहीं हो. '' हालांकि अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने पीठ से कहा कि मजिस्ट्रेट ने अख्तर की शिकायत और साक्षात्कार के अंश पर गौर करने के बाद पुलिस जांच का आदेश दिया , साक्षात्कार के दौरान रनौत ने कथित मानहानिकारक बयान दिया था.
HARRY
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