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शिव ठाकरे ने डेजी शाह का नाम लेने पर कही यह बात, अमिताभ ने नव्या को लेकर किया यह खुलासा

SANTOSI TANDI
13 Sep 2023 6:57 AM GMT
शिव ठाकरे ने डेजी शाह का नाम लेने पर कही यह बात, अमिताभ ने नव्या को लेकर किया यह खुलासा
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अमिताभ ने नव्या को लेकर किया यह खुलासा
शिव ठाकरे और एक्ट्रेस डेजी शाह की डेटिंग रुमर्स की शुरुआत साउथ अफ्रीका के केपटाउन में रोहित शेट्टी के शो यानी ‘खतरों के खिलाड़ी 13’ की शूटिंग के दौरान हुई थी। उनके सोशल मीडिया पोस्ट और एक साथ देखे जाने से उनके एक साथ होने की अटकलें और भी तेज हो गई हैं। अब एक बार फिर से शिव-डेजी की नजदीकियों को लेकर खबर चल पड़ी है।
दरअसल सोशल मीडिया पर अपने वीडियो से फेमस हुए मिस्टर फैजू यानी फैजल शेख ने हाल में ही अफनी टॉक शो लॉन्च किया है। वे ‘खतरों के खिलाड़ी 12’ में हिस्सा ले चुके हैं। फैजल के पहले चैट शो में शिव ठाकरे और जन्नत जुबैर शामिल हुए। शो में बातचीत के दौरान फैजल ने शिव को डेजी का नाम लेकर चिढ़ाया और कहा, “शिव ठाकरे की हर सुबह डेजी होती है”
इस बात पर रिएक्ट करते हुए शिव ने कहा, “नहीं यार, ना सुबह होती है, ना रात होती है ना दोपहर होती है” शिव ने आगे कहा, “मेरा डिनो के साथ एक स्ट्रॉन्ग बॉन्ड है, लेकिन आजकल लोगों को ‘ब्रदर’ फिल्म पसंद नहीं है। लोग ‘कुछ कुछ होता है’ को ज्यादा पसंद करते हैं। आप ‘ब्रदर’ और ‘कुछ कुछ होता है’ रिलीज करें लेकिन लोगों को कुछ कुछ होता पसंद आएगी।”
KBC के दौरान अमिताभ बच्चन ने की दोहिती नव्या की तारीफ
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इन दिनों क्विज रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति 15’ में अपनी चमक बिखेर रहे हैं। KBC के सोमवार (11 सितंबर) रात प्रसारित एपिसोड में शामिल हुईं राजस्थान की छवि राजावत और नीरू यादव ने ‘बिग बी’ के साथ-साथ सभी को प्रेरित किया। छवि जयपुर के पास सोडा गांव की सरपंच हैं, जबकि झुंझुनू जिले की नीरू यादव तीन गांवों में सरपंच पद संभाल रही हैं।
उन दोनों की कहानी सुनकर भावुक हुए अमिताभ ने इस दौरान उनकी दोहिती नव्या नवेली नंदा के सामाजिक कार्यों के बारे में भी खुलासा किया। अमिताभ ने कहा कि बड़े ही खेद की बात है, जब सुनने मिलता है कि आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग अपनी रूढ़िवादी मानसिकता के कारण हर महीने माहवारी (पीरियड्स) के समय महिलाओं को अशुद्ध करार देते हैं।
उन्हें घर से बाहर निकाल देते हैं और जब तक उनकी माहवारी का समय पूरा नहीं हो जाता, तब तक बेचारी जंगलों में पड़ी रहती हैं। उनकी ये समस्या जानने के बाद कुछ छोटी बच्चियां हैं, जो कॉलेज में पढ़ती हैं, उन्होंने तय किया कि ऐसे गांव में जाकर वे उन महिलाओं के लिए एक कुटिया बांधेंगी।
इस कुटिया में सभी सुविधाएं होंगी, जो इन दिनों महिलाओं के लिए जरूरी होता है। बहुत दुख होता है, जब इस तरह की बातें सुनने को मिलती हैं और कहने में मुझे कोई संकोच नहीं कि हमारी दोहिती भी ये ही काम करती हैं। नव्या उनका नाम है। उन्होंने एक संस्था चलाई है और वो हर गांव में जाकर देखती हैं कि क्या समस्या है।
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