बॉलीवुड की बोल्ड एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा (Sherlyn Chopara) का विवादों से पुराना नाता है. न्यूड फोटोशूट के जरिए चर्चा में छाईं शर्लिन चोपड़ा इन दिनों ऐसी ही एक वजह के चलते सुर्खियों में हैं. शर्लिन चोपड़ा 'एडल्ट कंटेंट' (Adult Content) मामले में आरोपी हैं. शर्लिन चोपड़ा पर फ्री पॉर्न वेबसाइट्स पर अश्लील वीडियो पब्लिश करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. जिस पर शर्लिन चोपड़ा ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अपील की थी. अब इस मामले में आज बॉबे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) में सुनवाई होनी है.
शर्लिन ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उनका कंटेंट एक सदस्यता आधारित इंटरनेशनल पोर्टल के लिए था और उनका कंटेट चोरी कर लिया गया है. बता दें कि पिछले साल शर्लिन चोपड़ा पर फ्री पॉर्न वेबसाइट्स पर एडल्ट कंटेट पब्लिश करने का आरोप लगा था. इस मामले में शर्लिन पर आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 और 67A के तहत धाराएं दर्ज हुई थीं.
उस समय गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने मुंबई सेशन कोर्ट का रुख किया था लेकिन वहां पर उनकी जमानत याजिका खारिज कर दी गई थी. शर्लिन चोपड़ा की अग्रिम जमानत को सेशन कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि एक आत्मनिर्भर महिला से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह अपने चुनिंदा ग्रुप्स के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए एडल्ट कंटेंट बनाए और उस कंटेंट को वेबसाइट पर पब्लिश करे.
हांलाकि शर्लिन चोपड़ा ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा था कि वो एक नहीं बल्कि दो कंपनीज की डायरेक्टर हैं. एफआईआर में बताई गई वेबसाइट में पायरेटेड कंटेंट है जो कॉपीराइट का उल्लंघन है. क्योंकि वे केवल ऑरिजनल प्लेटफॉर्म को ही कंटेंट देती हैं. शर्लिन का कहना था कि इस तरह से उनकी निजता का हनन तो हुआ ही है साथ ही ये उनका उत्पीड़न है जो वो बरसों से झेल रही हैं. जो सब्सक्रिप्शन बेस्ड वेबसाइटों से वीडियो डाउनलोड करते हैं, वॉटरमार्क हटाते हैं और फ्री में अन्य साइट्स पर मुहैया करवाते हैं. आवेदन में कहा गया है कि शिकायतकर्ता यह नहीं समझ पाया है कि असली अपराधी कौन है.
बता दें कि एक रिटायर्ड सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारी मधुकर केनी ने 31 अक्टूबर, 2020 को एक पेन ड्राइव और कई एडल्ट कंटेट प्लेटफार्मों के खिलाफ साइबर पुलिस में शिकायत की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि जब शर्लिन चोपड़ा का नाम सर्च इंजन में डाला तो उनके अश्लील वीडियो स्क्रीन पर आ गए.