कंगना ने ट्वीट किया था, 'हमने मेंटल हेल्थ अवेयरनेस के लिए बनाई थी, जिसे उन लोगों ने कोर्ट में घसीट लिया था जो डिप्रेशन की दुकान चलाते हैं। मीडिया बैन के बाद फिल्म का नाम बदला गया, जिससे इसकी मार्केटिंग पर बहुत असर पड़ा, लेकिन यह एक अच्छी फिल्म है और इसे आज ही देखें।'
कंगना जी,सहीं कहा आपने,ये लोग माल फूँक के डिप्रेशन के नारे लगाते हैं और देश की युवा पीढ़ी को अंधकार में ढकेलते हैं।
— Sherni (@SherlynChopra) October 10, 2020
दो वक़्त की रोटी कमाने के लिए जो मज़दूर सुबह शाम मज़दूरी करता है,क्या उसे डिप्रेशन नहीं होती है?
क्या डिप्रेशन से राहत पाने के लिए हम माल का सेवन करना शुरू कर दें? https://t.co/Iu25pHDRvK
इस ट्वीट को शर्लिन चोपड़ा ने रिट्वीट किया और लिखा, 'कंगना जी, सही कहा आपने ये लोग माल फूंककर डिप्रेशन के नारे लगाते हैं और देश की युवा पीढ़ी को अंधकार में ढकेलते हैं। दो वक्त की रोटी कमाने के लिए जो मजदूर सुबह-शाम मजदूरी करता है, क्या उसे डिप्रेशन नहीं होती है? क्या डिप्रेशन से राहत पाने के लिए हम माल का सेवन करना शुरू कर दें?'
इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग एंगल आने के बाद दीपिका पादुकोण को एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ने पूछताछ के लिए बुलाया था। उस दौरान शर्लिन चोपड़ा ने दीपिका पर तंस कसा था। शर्लिन ने ट्वीट किया था- 'अगर आप माल का सेवन नहीं करती हैं तो 12 वकीलों के साथ सलाह-मशविरा करने की जरूरत क्यों पड़ी?' उन्होंने आगे लिखा कि सच बोलने वालों को पैनिक या एंग्याटी अटैक नहीं होते हैं। जहां निडरता होती है वह डर और भय की कोई जगह नहीं होती है।