शाहरुख खान की फिल्म को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, टीचर ने लगाया था आरोप
फाइल फोटो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के एक आदेश पर रोक लगा दी है. इस आदेश में मे यशराज फिल्म्स (Yash Raj Films) प्राइवेट लिमिटेड को एक बॉलीवुड फिल्म में गाने को हटाने से निराश कंज्यूमर को मुकदमे की लागत के साथ 10,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है. शिकायतकर्ता पेशे से एक टीचर है.
मामला साल 2016 का है. आफरीन फातिमा जैदी ने अपने परिवार के साथ साल 2016 में आई फिल्म 'फैन' देखने गई थी. फिल्म में शाहरुख खान (Shah Rukh Khan Films) लीड रोल में थे. इसे मनीष शर्मा ने डायरेक्ट किया था. आफरीन फातिमा ने फिल्म देखने का फैसला इसका ट्रेलर और इसमें आए टाइटल ट्रैक 'जबरा फैन' देखने के बाद लिया था. जब वह और उनका परिवार फिल्म देख रहा था, तब पूरी फिल्म में उन्हें कहीं भी वो सॉन्ग नहीं दिखा. ये गाना फिल्म से मिसिंग था.
आफरीन ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया और मेकर्स पर धोखेबाजी का आरोप लगाया. इसे लेकर उन्होंने मुआवजे की मांग की और बतौर कंज्यूमर से संबंधित जिला फोरम का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने अपनी शिकायत याचिका में बताया कि फिल्म में 'जबरा फैन' सॉन्ग नहीं था. उन्होंने प्रोमो में दिखाए गए गाने को फिल्म में दिखाने की भी मांग की. हालांकि, आफरीन की शिकायत को जिला फोरम ने खारिज कर दिया. इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दी. राज्य आयोग ने उनकी शिकायत को बरकरार रखा, और यशराज फिल्म्स को मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये और मुकदमे की लागत के रूप में 5,000 रुपये का भुगतान करने को कहा. यशराज फिल्म्स ने इस आदेश को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में चुनौती दी. 18 फरवरी, 2020 को एनसीडीआरसी ने राज्य आयोग के आदेश को बरकरार रखा. राष्ट्रीय उपभोक्ता निकाय ने सहमति व्यक्त की कि आफरीन को 'ठगा' गया है. इसके अलावा, निकाय ने फिल्म से सॉन्ग को बाहर करने के यशराज फिल्म्स के कदम को अनुचित बताया.
यशराज फिल्म्स ने एनसीडीआरसी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) में अपील की. प्रोडक्शन हाउस ने तर्क दिया कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में प्रमोशन के लिए इस तरह से सॉन्ग का इस्तेमाल करना आम बात है. ये सॉन्ग फिल्म में नहीं दिखा सकते हैं. अगर इस पर रोक लगाई जाती है, तो ये आने वाली फिल्मों के उचित नहीं हो पाएगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक आम बात हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे जारी रखा जाना चाहिए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एनडीसीआरसी के आदेश पर भी रोक लगा दी और आफरीन को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.
एनसीडीआरसी में दायर अपील में, वाईआरएफ ने तर्क दिया था कि महिला को उपभोक्ता नहीं माना जा सकता क्योंकि उसने फिल्म टिकट के लिए जो कीमत चुकाई थी, वह उसके और सिनेमा हॉल के बीच एक डील थी. इस पर एनसीडीआरसी ने कहा कि फिल्म से होने वाली कमाई का प्रोड्यूसर, प्रदर्शक और वितरक के बीच शेयर होता है. इसलिए ये मामला सीधा मेकर्स से संबंधित होता है, इसलिए इसे एक सेवा प्रदाता माना जा सकता है.