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ऐसों के लिए कोई सहानुभूति नहीं कोई मुक्ति नहीं। मैं इस तरह की घटनाओं पर थूकती हूं।’
कर्नाटक के उडुपी जूनियर कॉलेज में हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस विवाद ने अब व्यापक सियासी रूप ले लिया है। इसमें अब रानेताओं के साथ-साथ बॉलीवुड स्टार्स भी कूद पड़े हैं। ऋचा चड्डा, जावेद अख्तर के बाद पंगा गर्ल कंगना रनोट ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। वैसे तो कंगना काफी मुखर हैं और किसी भी कॉन्ट्रोवर्सी में अपना पक्ष रखे बिना मानतीं नहीं हैं तो यहां भी हिजाब का समर्थन करने वालों के एक्ट्रेस ने सलाह दी है। इसके बाद शबाना आजमी ने भी कंगना को उनके पोस्ट पर जवाब दिया है।
Correct me if Im wrong but Afghanistan is a theocratic state and when I last checked India was a secular democratic republic ?!! pic.twitter.com/0bVUxK9Uq7
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) February 11, 2022
कंगना रनोट ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक स्टोरी शेयर की है, जो लेखक आनंद रंगनाथन के पोस्ट का स्क्रीनशॉट है। इस पोस्ट में बदलते हुए ईरान की झलक दो तस्वीरों के जरिए दिखाई गई है। पहली तस्वीर में साल 1973 में ईरान की महिलाएं बिकिनी में नजर आ रहीं हैं और अब की महिलाएं बुर्का पहने दिख रही हैं। इस तस्वीर के साथ लिखा है कि 1973 का ईरान और अब का ईरान।
आनंद रंगनाथन की पोस्ट का स्क्रीनशॉट अपनी इंस्टा स्टोरी पर शेयर करते हुए कंगना रणौत ने भी इस मामले पर अपने राय भी जाहिर की। कंगना ने लिखा, 'अगर हिम्मत दिखानी है तो अफगानिस्तान में बुर्का ना पहनकर दिखाओ... खुद को पिंजरे से मुक्त करना सीखें।'
शबाना आजमी ने कंगना रनोट के पोस्ट का स्क्रिनशॉर्ट शेयर करते हुए लिखा, 'अगर मैं गलत हूं तो मुझे सुधारो लेकिन अफगानिस्तान एक धार्मिक राज्य है और जब मैंने आखिरी बार चेक किया था, तो मैंने पाया की भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य था? !!
इस विवाद में मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, 'मैं कभी हिजाब के पक्ष में नहीं रहा। मैं अब भी उस पर कायम हूं, साथ ही मैं उन लड़कियों के छोटे ग्रुप को डराने धमकाने की कोशिश करने वाले गुंडों की निंदा करता हूं। क्या यही उनकी "मर्दानगी" है। अफसोस की बात है।'
वहीं, ऋचा चड्ढा ने ट्वीट कर लिखा, 'अपने लड़कों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएं। कायरों का एक झुंड अकेली छात्रा पर हमला करने को गर्व समझ रहा है। ये शर्मनाक है। आने वाले कुछ सालों में ये सभी बेरोजगार, निराश और दरिद्र हो जाएंगे। ऐसों के लिए कोई सहानुभूति नहीं कोई मुक्ति नहीं। मैं इस तरह की घटनाओं पर थूकती हूं।'
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