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अमेरिकी अधिकारी से गुपचुप मांगी माफी, पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का खुलासा

Neha Dani
4 July 2022 10:07 AM GMT
अमेरिकी अधिकारी से गुपचुप मांगी माफी, पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का खुलासा
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उन्होंने आगे कहा कि जब तक खान सत्ता में थे, उन्हें ये सभी चीजें पसंद थीं, जिनके खिलाफ वह टिप्पणी करते रहे हैं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार जब गिरी तो शाहबाज सरकार पर उन्होंने सिलसिलेवार खूब आरोप लगाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अमेरिका ने उनकी सरकार गिराई है। अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए इमरान के आरोपों की हवा निकाल दी है। उन्होंने बताया है कि इमरान खान और उनकी पार्टी ने 'विदेशी साजिश' के आरोपों के लिए अमेरिका से माफी मांगी है।


गुपचुप तरीके से मांगी माफी
दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हवाले से न्यूज एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी की पार्टी ने अमेरिकी अधिकारी डोनाल्‍ड लू से गुपचुप माफी मांग ली है। यह वही अधिकारी हैं जिन पर इमरान खान ने अपनी सरकार को गिराने के लिए धमकी देने का आरोप लगाया था। पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने इसका खुलासा किया है।

मौजूदा सरकार के पास माफी के सबूत
इतना ही नहीं आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान की नई सरकार को डोनाल्‍ड लू से माफी मांगने के सभी सबूत मिल गए हैं। पाकिस्तान के स्थानीय चैनल जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने लू से पीटीआई की माफी के संबंध में सभी रिकॉर्ड प्राप्त कर लिए हैं। पीटीआई नेताओं की अमेरिकी सरकार के साथ बैठक के संबंध में साक्ष्य प्राप्त हुए हैं जहां उन्होंने माफी मांगी।
इमरान ने अमेरिका को संदेश भी भेजा
उन्होंने कहा कि जब खान अपनी सार्वजनिक सभाओं के दौरान अमेरिका के खिलाफ नारे लगा रहे थे, अब वह अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांग रहे थे। आसिफ ने यह भी कहा कि पीटीआई अध्यक्ष ने अमेरिका को एक संदेश भेजा है जहां उन्होंने चीजों को ठीक करने और महाशक्ति के साथ अपने संबंधों की इच्छा व्यक्त की है।

'इमरान खान को शर्म आनी चाहिए'
इस दौरान आसिफ ने कहा कि इमरान खान अब संस्थानों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वह सत्ता से बाहर हो गए हैं। आसिफ ने कहा कि उन्हें संस्थानों पर आरोप लगाने में शर्म आनी चाहिए। हमने भी संस्थानों की आलोचना की लेकिन कभी आरोप नहीं लगाया। उन्होंने आगे कहा कि जब तक खान सत्ता में थे, उन्हें ये सभी चीजें पसंद थीं, जिनके खिलाफ वह टिप्पणी करते रहे हैं।


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