जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Aashram Chapter 2 Review: एमएक्स प्लेयर की चर्चित वेब सीरीज 'आश्रम (Aashram)' का दूसरा सीजन रिलीज हो गया है. बॉबी देओल (Bobby Deol) की 'आश्रम' के पहले सीजन में धर्म और आस्था के नाम पर खिलवाड़ की चौंका देने वाली दुनिया नजर आई थी. जिसके पात्रों और कहानी ने दिल जीतने का काम किया था और साथ ही समाज के कई चेहरों को दर्शकों के सामने पेश किया था. 'आश्रम' के दूसरे सीजन का बहुत ही बेसब्री से इंतजार था. लेकिन वही हुआ जिसका डर था. सीरीज को इसी सीजन में निबटाने की बजाय इसको फिर एक और सीजन के लिए छोड़ दिया गया है, यही बात 'आश्रम चैप्टर 2' में अखरती है.
'आश्रम (Aashram)' के दूसरे सीजन में काशीपुर वाले बाबा निराला के आश्रम में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों की ओर फोकस है. बाबा के आश्रम में नशे की खपत बढ़ती जा रही है, वहीं शोषण भी बढ़ रहा है तो उसके साथ बाबा और भी निरंकुश होता जा रहा है. बाबा का राजनीति में बढ़ता दखल भी देखने को मिलेगा और उसमें भी की शातिर चालबाजियां देखने को मिलेंगी. लेकिन 'आश्रम' के इस सीजन में लड्डू की माया देखने को मिलेगी, और शायद सीजन देखने के बाद आपका मन भी तुरंत लड्डू खाने को करे. लेकिन कहानी को तेजी से आगे बढ़ाए जाने की जरूरत थी, लेकिन कहानी कछुआ चाल से चलती है. फिर सीजन का अंत ऐसी जगह होता है जहां कई सवाल पीछे रह जाते हैं, वही सवाल जो पहले सीजन में भी अछूते रह गए थे. इस तरह एक सीजन की छलांग लगाने के बाद भी 'आश्रम' वहीं है जहां पहले थे.
'आश्रम (Aashram)' में एक्टिंग के मामले में भी सारे सितारे पहले की तरह अच्छे ही हैं, और बॉबी देओल काशीपुर वाले बाबा निराला के रोल में पहले की तरह मजेदार हैं. लेकिन प्रकाश झा का 'आश्रम' प्रेम कुछ ज्यादा हावी नजर आया और उन्होंने इसी वजह से एक और सीजन की गुंजाइश छोड़ दी, जिसका जरूरत नहीं थी.
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