मनोरंजन

नहीं रहे सतीश बाबू पैय्यानूर, फ्लैट में मिला मलयालम राइटर का शव

Rounak Dey
25 Nov 2022 11:45 AM GMT
नहीं रहे सतीश बाबू पैय्यानूर, फ्लैट में मिला मलयालम राइटर का शव
x
मंजा सूर्यन्ते नालुकल और कुदामानिकल किलुंगिया राविल शामिल हैं, उन्होंने मलयाट्टूर पुरस्कार और थोप्पिल रवि पुरस्कार सहित कई और भी पुरस्कार जीते थे.
मलयालम राइटर सतीश बाबू पैय्यानूर (Satheesh Babu Payyanur) का गुरुवार 24 नवंबर को निधन हो गया. लेखक 59 साल के थे. उनका शव तिरुवनंतपुरम के एक फ्लैट में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया है. उनकी मौत का कारण अभी पता नहीं चला है. पुलिस जांच कर रही है.
राइटर का होगा पोस्टमॉर्टम
जांच में जुटी वंचियूर पुलिस ने बताया कि मौत के सही कारणों का पता पोस्टमॉर्टम के बाद ही चल पाएगा. मौत में किसी तरह की गड़बड़ी का संदेह नहीं है, लेकिन फिर भी अननेचुरल डेथ का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने सतीश बाबू पैय्यानूर की बॉडी को सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, तिरुवनंतपुरम की मोर्चरी में रखा है. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम शुक्रवार को किया जाएगा.
फ्लैट में परिवार के साथ रहते थे
जिस फ्लैट में सतीश का शव मिला है, उसमें वह अपनी पत्नी के साथ रहते थे. गुरुवार को उनकी पत्नी के मायके चले जाने के बाद राइटर घर में अकेले थे. वहीं जब उन्होंने कोई कई बार किए जाने के बाद फोन नहीं उठाया तो दरवाजा तोड़ा गया और अंदर का नजारा देखकर हर कोई हैरान रह गया.
मिल चुका था केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार
सतीश बाबू अपनी स्टूडेंट लाइफ से ही साहित्यिक एक्टिविटिज में शामिल हो गए थे. एक फेमस शॉर्ट स्टोरी राइटर और नॉवेलिस्ट सतीश बाबू ने 2012 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता था. उन्होंने भारत भवन-केरल के संस्कृति विभाग के तहत एक संस्था के सदस्य सचिव के रूप में भी काम कर चुके थे. वह कई उपन्यासों के लेखक भी थे. उनकी फ्मस किताबों में मन्नू, दैवपुरा, मंजा सूर्यन्ते नालुकल और कुदामानिकल किलुंगिया राविल शामिल हैं, उन्होंने मलयाट्टूर पुरस्कार और थोप्पिल रवि पुरस्कार सहित कई और भी पुरस्कार जीते थे.

Next Story