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कि फिल्म को प्रमोट देशभक्ति वाले अंदाज में किया गया, लेकिन फिल्म देखने के बाद दर्शकों में ऐसा कोई जज्बा नहीं जगा।'
'सम्राट पृथ्वीराज' पहले दिन से बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों के लिए तरस रही है। जबकि अब दूसरे हफ्ते में फिल्म को और तगड़ा झटका लगा है। फिल्म की कमाई में 80 परसेंट तक की गिरावट आई है। दो हफ्तों में इस फिल्म ने महज 65.32 करोड़ रुपये का बिजनस किया है। जबकि इस हफ्ते में मंगलवार से ही फिल्म की कमाई करोड़ से गिरकर लाखों में पहुंच गई है। गुरुवार को अक्षय कुमार की 'सम्राट पृथ्वीराज' ने महज 80 लाख रुपये कमाए हैं। करीब 200 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म का ऐसा हश्र होगा यह किसी ने नहीं सोचा था। ऐसे में सवाल यही उठता है कि अक्षय कुमार के स्टारडम, मानुषी छिल्लर के डेब्यू और पृथ्वीराज चौहान जैसे राजा की जिंदगी पर बनी फिल्म में आखिर ऐसा क्या हो गया कि यह फिल्म टिकट खिड़की पर एक-एक दर्शक को तरस रही है।
'सम्राट पृथ्वीराज' बॉक्स ऑफिस पर 3750 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई थी। यह किसी भी बड़ी फिल्म के मुकाबले 1200 अधिक स्क्रीन्स हैं। लेकिन दुर्भाग्य ऐसा कि पहले वीकेंड के बाद ही कई सिनेमाघर में 100 में से सिर्फ 8-9 सीटों पर ही दर्शक देखने को मिले। इस फिल्म ने पहले हफ्ते में 54.47 करोड़ रुपये कमाए थे। जबकि दूसरे हफ्ते में महज 10.85 करोड़ रुपये का बिजनस हुआ है। Samrat Prithviraj की कमाई में सबसे बड़ी गिरावट दिल्ली-एनसीआर और मुंबई सर्किट से हुई। ओपनिंग डे पर इस फिल्म ने 10.75 करोड़ रुपये का बिजनस किया था। जिस तरह से Box Office पर वीकेंड के बाद कमाई गिरी, ऐसा लगा था कि यह उम्मीद लाइफटाइम 75 करोड़ का बिजनस कर लेगी। लेकिन अब जिस तरह से फिल्म का बिजनस गर्त में गया है, यह आंकड़ा 70 करोड़ तक पहुंच जाए तो बड़ी बात होगी।
पर्दे पर 'पृथ्वीराज' नहीं बन पाए अक्षय कुमार
'सम्राट पृथ्वीराज' के बॉक्स ऑफिस पर इस हश्र ने इंडस्ट्री को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसा इसलिए कि यहां न तो स्टार पावर काम आया, न एग्रेसिव प्रमोशन और न ही Manushi Chhillar जैसा नया चेहरा। फिर कमी रह कहां गई? 'बॉलिवुड हंगामा' से बातचीत में ट्रेड एनालिस्ट कोमल नहाटा कहते हैं, 'ऐतिहासिक कहानियों पर बनी फिल्मों का कारोबार हमेशा से थोड़ा मुश्किल जरूर रहा है। आज की जेनरेशन ऐसी फिल्मों से खुद को रिलेट नहीं कर पाती है। दूसरी बात यह रही कि अक्षय कुमार इस फिल्म में लीड रोल में तो हैं, लेकिन इसे निभाने में उनकी रुचि कम दिखी है। कम से कम पर्दे पर खुद को सम्राट पृथ्वीराज के रूप में ढालने में तो ऐसा ही लगता है।'
फिल्म के म्यूजिक ने किया निराश
कोमल नहाटा का मानना है कि बॉलिवुड फिल्मों के लिए हमेशा से म्यूजिक का हिट होना बहुत ही जरूरी है। अच्छे गाने सिनेमाघर तक दर्शकों को खींच लाते हैं। जबकि 'सम्राट पृथ्वीराज' में यह कमी भी थी। वह कहते हैं, 'तीसरी कमी अगर म्यूजिक को लेकर रही है, वहीं चौथी कमी यह भी रही कि हिंदी फिल्मों में रोमांस और ड्रामा बहुत मायने रखता है। फिर चाहे फिल्म ऐतिहासिक कहानी पर ही क्यों न हो। पांचवीं और आखिरी कमी यह भी है कि फिल्म को प्रमोट देशभक्ति वाले अंदाज में किया गया, लेकिन फिल्म देखने के बाद दर्शकों में ऐसा कोई जज्बा नहीं जगा।'
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