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फिल्म का डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी काबिल-ए-तारीफ है।
साल 2020 में रिलीज हुई फिल्म 'खुदा हाफिज' को दशर्कों ने काफी पसंद किया था। फिल्म की सफलता के बाद अब मेकर्स इसका दूसरा भाग लेकर आए हैं। 'खुदा हाफिज चैप्टर 2: अग्निपरीक्षा' जो आज यानी 8 जुलाई, 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस एक्शन ड्रामा फिल्म को फारूख कबीर ने डायरेक्ट किया है।
जिन्होंने 'खुदा हाफिज 1' नहीं देखी उन्हें बताना चाहेंगे कि वो ऐसे कपल की कहानी थी, जो नौकरी के लिए विदेश जाते हैं लेकिन विदेश पहुंचते ही समीर की पत्नी का अपहरण हो जाता है। वह सैक्स रैकेट के चंगुल में फंस जाती है और समीर अपनी पत्नी को इन सबसे बाहर निकालने में जी जान लगा देता है और वापस अपने देश लेकर आता है।
'खुदा हाफिज चैप्टर 2' 2020 में आई 'खुदा हाफिज' की सीक्वल है। आगे की कहानी में आप देखेंगे कि नर्गीस वापस तो आ जाती है लेकिन अब वो नर्गीस (Shivaleeka Oberoi) पूरी तरह बदली हुई है क्योंकी वह अपने साथ हुई घटना को भुला नहीं पा रही और गहरे डिप्रेशन में हैं, जिसका वो इलाज भी करवा रहीं हैं। वहीं समीर (Vidyut Jammwal) नर्गीस से बहुत प्यार करता है और उसको उन पुरानी यादों से बाहर निकालने की कोशिश करता है। ऐसे में उनकी जिंदगी में नंदनी नाम की 5 साल की बच्ची की एंट्री होती है। इस बच्ची को समीर और नर्गीस गोद लेते हैं। इसके बाद धीरे- धीरे दोनों की जिंदगी में खुशियां आनी शुरु ही होती हैं कि उनकी बेटी नंदनी का स्कूल से अपहरण हो जाता है। अब सबकुछ पहले से भी ज्यादा बदतर हो गया है। अब समीर की बेटी नंदनी का अपहरण क्यों हुआ और क्या वो वापस आ पाएगी और उसे इंसाफ मिलेगा। यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
एक्टिंग
विद्युत जामवाल ने दमदार एक्शन तो किया ही है साथ ही एक्टिंग भी काफी अच्छी की है। भारत से लेकर इजिप्ट तक कई एक्शन सीन्स देखने को मिलेंगे। वहीं शिवालिका ओबरॉय का काम भी अच्छा है। इनके अलावा ठाकुर जी के रोल में शीबा चड्ढा ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। साथ ही राशिद कसाई बने दिव्येन्दु भट्टाचार्या, पत्रकार के किरदार में राजेश तैलांग, नंदिनी के रोल में रिद्धी शर्मा ने भी काफी अच्छा काम किया है।
डायरेक्शन
बिना लॉजिक का एक्शन को आप पिछले कुछ समय से देख ही रहे हैं। लेकिन इसमें आपको इमोशन से भरी अच्छी कहानी के साथ दमदार एक्शन देखने को मिलेगा, जो आपको काफी रियल लगेगा। फर्स्ट हॉफ थोड़ा सा स्लो है और सेंकेड हॉफ शुरु होते ही आपको लगेगा कि अब आने वाला है मजा। आप खुद ही सोचने लगेंगे की नंदनी बच जाए और घर वापस आ जाए। फिल्म का डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी काबिल-ए-तारीफ है।
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