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जाने-माने सिंगर शिवमोग्गा सुब्बाना का राखी फेस्टिवल के दिन निधन

Ritisha Jaiswal
12 Aug 2022 8:13 AM GMT
जाने-माने सिंगर शिवमोग्गा सुब्बाना का राखी फेस्टिवल के दिन निधन
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भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने-माने सिंगर शिवमोग्गा सुब्बाना (Shivamogga Subbanna) का राखी फेस्टिवल के बीच गुरुवार (11 अगस्त) के दिन शहर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया

भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने-माने सिंगर शिवमोग्गा सुब्बाना (Shivamogga Subbanna) का राखी फेस्टिवल के बीच गुरुवार (11 अगस्त) के दिन शहर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है. परिवार के करीबी सूत्रों से पता चला है कि दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने से 83 साल में उनकी मौत हुई है. मशहूर सिंगर के परिवार में एक बेटा और एक बेटी है. शिवमोग्गा को कन्नड़ क्षेत्र में उनके गायन के लिए जाना जाता है. 14 दिसंबर 1938 को जन्में सुबन्ना कई पुरस्कार से नवाजे जा चुके थे. जो संगीत प्रेमी कन्नड़ भाषा को जानते हैं वे आज भी उनके गानों को पसंद करते हैं और हमेशा करते रहेंगे.

सुब्बाना को राष्ट्रीय पुरस्कार सहित मिले कई अवॉर्ड्स
शिवमोग्गा सुब्बाना कन्नड़ भाषा के पहले गायक थे, जिन्होंने प्लेबैक सिंगिंग के लिए 1978 में राष्ट्रीय पुरस्कार (National Award) से सम्मानित किया गया था. उन्हें ये अवॉर्ड फिल्म 'काडू कुडुरे' (Kaadu Kudure) में सॉन्ग 'काडू कुडुरे ओडी बानडिट्टा' (Kaadu Kudure Odi Banditta) के लिए मिला था. इसके बाद उन्हें 2006 में कन्नड़ कम्पू पुरस्कार, 2008 में कुवेम्पु विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट और 2009 में सुंदर श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बता दें कि म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने से पहले शिवमोग्गा ने बतौर वकील के रूप में भी काम किया था. उन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए संगीत के जरिए अपना योगदान दिया है.
इस गाने से घर-घर में फेमस हो गए थे सुब्बाना
शिवमोग्गा सुब्बाना ने प्रसिद्ध कन्नड़ कवियों कुवेम्पु (केवी पुट्टप्पा), केएस नरसिम्हा स्वामी, दा रा बेंद्रे और अन्य की कविताओं के लिए राग को कंपोज कर आम जनता तक पहुंचाया. वे अवॉर्ड विनिंग कन्नड़ राइटर कुवेम्पु (Kuvempu) द्वारा लिखे गए 'बारीसु कन्नड़ दिंडीमावा' (Baarisu Kannada Dindimava) गाने को आवाज देकर क्षेत्र के घर-घर में फेमस हो गए थे. ये वो गाना है जिसके जरिए वे कर्नाटक में एक घरेलू नाम बने. भले ही वे उनके चाहने वालों के बीच न हों लेकिन उनकी सुरमई आवाज हमेशा ही उनके कानों में गूंजती रहेगी.


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