x
शाह रुख खान के खिलाफ मुकदमे की अनुमति देना उचित और न्यायसंगत होगा और शहर के आम नागरिकों को असुविधा होगी।
बॉलीवुड के सुपरस्टार शाह रुख खान को गुजरात हाईकोर्ट ने एक मामले में राहत दी है। कोर्ट ने शाह रुख के खिलाफ आपराधिक मामले को खारिज कर दिया है। एक्टर के खिलाफ साल 2017 में फिल्म रईस के प्रमोशन के दौरान मची भगदड़ में केस दर्ज किया गया था। दरअसल, प्रमोशन कार्यक्रम के दौरान एक शख्स की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। तब दूसरों की जान और उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए शाह रुख खान पर मामला दर्ज किया गया था।
इस केस में जस्टिस निखिल एस करिएल की बेंच ने फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि शाहरुख खान की तरफ से किए गए कार्यों को लापरवाही या उतावलापन नहीं कहा जा सकता है। जिसके बाद उन्होंने शाह रुख की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें वडोदरा अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की गई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शाह रुख खान की तरफ से जो भी किया गया, उसे वरोदड़ा रेलवे स्टेशन पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना का कारण नहीं कहा जा सकता है। इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया था कि शाह रुख खान अपनी फिल्म 'रईस' के प्रमोशन के लिए मुंबई से दिल्ली ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। जैसे ही ट्रेन वरोदड़ा रेलवे स्टेशन पर रुकी, शाह रुख खान को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ को देख कर शाह रुख ने उनपर स्माइली बॉल्स और टी-शर्ट फेंके, जिसके बाद लोग बेकाबू हो गए और भगदड़ शुरू हो गई।
इस दौरान भगदड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। इस भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, साथ ही कई अन्य घायल भी हुए थे। कार्यक्रम के दौरान एक पुलिसकर्मी बेहोश भी हो गया था। जिसके बाद स्थानीय नेता जितेंद्र सोलंकी ने इस मामले में शाह रुख खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
2017 से चल रही सुनवाई के बाद अब हाईकोर्ट ने पाया कि शाह रुख खान के खिलाफ शिकायत एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी, जिसका इस घटना से कोई सीधा संबंध नहीं था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह विचार करने की आवश्यकता है कि क्या वडोदरा में शाह रुख खान के खिलाफ मुकदमे की अनुमति देना उचित और न्यायसंगत होगा और शहर के आम नागरिकों को असुविधा होगी।
Next Story