मनोरंजन
महाकाल के दर्शन किए बिना ही लौट गए रणबीर-आलिया, उल्टा पड़ा प्रचार का दांव
Rounak Dey
7 Sep 2022 1:54 AM GMT

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अपनी इस यात्रा को फिल्म प्रमोशन का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए था.
फिल्म ब्रह्मास्त्र के प्रमोशन में रणबीर कपूर-आलिया भट्ट के उज्जैन के महाकाल मंदिर जाने के प्रचार का दांव मंगलवार को उल्टा पड़ गया. फिल्म की पीआर टीम ने सुबह से मीडिया में प्रचार कर रखा था कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट फिल्म के निर्देशक अयान मुखर्जी के साथ उज्जैन जा रहे हैं, महाकाल के दर्शन करने. लेकिन जब यह खबर उज्जैन पहुंची तो रणबीर-आलिया के मंदिर में पहुंचने से पहले ही मंदिर परिसर के बाहर बंजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता जा पहुंचे. उन्होंने गेट को घेर लिया और रणबीर-आलिया के खिलाफ नारे लगाने लगे. ये लोग खास तौर पर रणबीर के हाल के दिनों में सोशल मीडिया में आए वीडियो से नाराज थे. इस वीडियो में रणबीर ने बीफ खाने की बात कही थी.
आयान ने की पूजा अर्चना
जी न्यूज ने महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारियों में शामिल आकाश महाराज से बातचीत की. आकाश महाराज ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि रणबीर और आलिया के उज्जैन आने की खबर थी, लेकिन वे मंदिर में नहीं पहुंचे. फिल्म के डायरेक्टर अयान मुखर्जी जरूर मंदिर में फिल्म की डीवीडी के साथ आए थे. उन्होंने फिल्म महाकाल को समर्पित करते हुए, पूजा अर्चना की और आशीर्वाद-प्रसाद लिया. उन्होंने अपनी फिल्म की सफलता की कामना की. बताया जाता है कि रणबीर-आलिया को मंदिर के बाहर हंगामे और विरोध की खबर बीच रास्ते में मिली. बंजरंग दल के कार्यकर्ता कलाकारों का विरोध करते हुए जय श्री राम के नारे लगा रहे थे. पुलिस की कोशिशों के बावजूद विरोध रुका नहीं और तब आलिया-रणबीर ने बगैर दर्शन किए ही बीच रास्ते से वापस लौट जाने का फैसला किया.
होना था संध्या आरती में शामिल
मगर अयान मुखर्जी ने सुरक्षा के बीच मंदिर में प्रवेश किया. हालांकि किसी ने विरोध नहीं किया और मंदिर में उन्होंने मुख्य पुजारियों के साथ महाकाल की पूजा की. फिल्म की टीम की योजना महाकाल की संध्या आरती में शामिल होने की थी. लेकिन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का विरोध देखते हुए आलिया-रणबीर ने आगे न जाने का फैसला किया. वे रात को ही वापस मुंबई लौट गए. उज्जैन में कई लोगों का कहना था कि एक तो रणबीर को वह बातें नहीं कहनी चाहिए थीं, जो वह वीडियो में कहते दिख रहे हैं. साथ ही अगर उनकी आस्था महाकाल में है, तो उन्हें खामोशी से आकर दर्शन करने चाहिए थे. अपनी इस यात्रा को फिल्म प्रमोशन का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए था.
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