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राजू श्रीवास्तव: नहीं रहे सबके प्यारे 'गजोधर भैया', रुला गया सबको हंसाने वाला

jantaserishta.com
21 Sep 2022 5:45 AM GMT
राजू श्रीवास्तव: नहीं रहे सबके प्यारे गजोधर भैया, रुला गया सबको हंसाने वाला
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

आइए बताते हैं कानपुर के रहने वाले राजू श्रीवास्तव एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का बड़ा नाम कैसे बनें?

नई दिल्ली: ये लिखते हुए काफी दुख हो रहा है कि कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) अब हमारे बीच नहीं हैं. राजू श्रीवास्तव का निधन हो गया है. 10 अगस्त को राजू श्रीवास्तव को कार्डियक अरेस्ट आया था. वो कई दिनों तक AIIMS में एडमिट भी रहे, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ.

राजू श्रीवास्तव को कॉमेडी किंग के तौर पर जाना जाता था. पर बहुत लोग होंगे जिन्हें उनके स्ट्रगल डेज के बारे में पता नहीं होगा. आइए बताते हैं कानपुर के रहने वाले राजू श्रीवास्तव एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का बड़ा नाम कैसे बनें?
राजू श्रीवास्तव का जन्म 25 दिसंबर 1963 को कानपूर के उन्नाव में हुआ था. वे मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे. राजू के पिता रमेशचंद्र श्रीवास्तव है एक प्रसिद्ध कवि थे. लेकिन राजू को बचपन से ही कॉमेडी का शौक था. वे बचपन से ही मिमिक्री करते थे. वो एक कॉमेडियन बनना चाहते थे और उन्होंने एक छोटी सी जगह से निकलकर अपने सपने को न सिर्फ सच किया, बल्कि इज्जत और नाम भी कमाया.
एक इंटरव्यू के दौरान राजू श्रीवास्तव ने बताया था कि उन्हें बचपन से ही कॉमेडी करने का शौक था. वो स्कूल में अपनी स्कूल टीचर्स की मिमिक्री किया करते थे. वो पूर्व प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी की आवाज भी निकालते थे. यही नहीं, वो बचपन से ही सुनील गावस्कर से मिलने की चाहत भी रखते थे. अपने इसी टैलेंट की वजह से वो स्कूल में 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले प्रोग्राम का हिस्सा भी बनते थे. वो खुद आगे आकर स्कूल फंक्शन में अपने नाम लिखवाते थे.
राजू श्रीवास्तव का कहना था कि उन्हें बचपन में क्रिकेट की कॉमेंट्री के लिये बुलाया जाता था. वो इतने टैलेंटेड थे कि सामने वाले की कमियों को भी हंसी-हंसी में बयां कर जाते थे. कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव ने बताया था कि उन्हें कॉमेडी का शौक तब से था जब ज्यादा एंटरटेनमेंट चैनल नहीं थे. ना ही इसे लेकर लोग जागरुक थे. उस समय लोगों को सिर्फ और सिर्फ सरकारी नौकरी की जानकारी थी. इसलिये अगर किसी के घर में को लड़का कॉमेडी करता था, तो उसे काम नहीं माना जाता था. काम का मतलब सिर्फ सरकारी नौकरी थी.
इंटरव्यू के दौरान राजू श्रीवास्तव ने बताया था कि कॉमेडी करना उनका पैशन था, लेकिन उनके इसी काम से उनके घरवाले काफी परेशान थे. क्योंकि श्रीवास्तव फैमिली में हर कोई पढ़ा-लिखा और सरकारी नौकरी वाला होता था. इसलिये परिवार को लगता था कि वो आगे चलकर क्या करेंगे. घर में चल रही टेंशन की वजह राजू सबसे कटे-कटे रहने लगे. इसके बाद उन्होंने कॉमेडी शोज को लेकर जानकारी निकलाना शुरू किया और उन्हें पता चला कि ये तो बेस्ट काम है.
राजू श्रीवास्तव ने बताया था कि वो मुंबई आने का श्रेय अपनी मां को देते हैं, क्योंकि उनके तानों की वजह से उन्होंने मुंबई आने का सोचा था. लेकिन राजू श्रीवास्तव का फिल्म इंडस्ट्री में कोई गॉड फादर नहीं था. इसलिये उन्होंने उसमें हाथ आजमाने का नहीं सोचा. इसलिये उन्होंने सोचा कि वो मुंबई में नवरात्री, जागरण और छोटे-मोटे इवेंट में कॉमेडी करेंगे.
राजू श्रीवास्तव का कहना था कि उन्हें स्ट्रगल करने का बिल्कुल मलाल नहीं है. कई दिनों तक वो मुंबई में दोस्तों और रिश्तेदारों के घर रहे. पर किसी ना किसी वजह उनसे घर खाली करने के लिये कहा गया. इस दौरान उनकी दोस्ती जॉनी लीवर से हुई और उन्होंने कहा कि वो उनके घर आकर रहे सकते हैं. हालांकि, राजू कभी उनके घर रहने नहीं गये थे.


राजू श्रीवास्तव का पहला शो 'टी टाइम मनोरंजन' था. उन्होंने कई फिल्मों में खास रोल भी किए. लेकिन अभी तक उन्हें वो पहचान नहीं मिली थी, जिसकी उन्हें तलाश थी. इसके बाद राजू श्रीवास्तव शो 'द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज' का हिस्सा बने. इस शो में राजू ने अपने मजाकिया और देसी अंदाज के कॉम्बिनेशन से लोगों को अपना दीवाना बना दिया. इस शो से उन्हें घर-घर में पहचान मिली. लोग उनके जोक्स के फैन हो गए. हालांकि, वो शो जीत नहीं पाए थे, लेकिन दर्शकों ने उन्हें 'द किंग ऑफ कॉमेडी' का टाइटल देकर अपने विनर बता दिया था.
आपने राजू श्रीवास्तव के यूपी के आम शख्स से कॉमेडी किंग बनने की कहानी तो सुन ली. लेकिन राजू श्रीवास्तव के लिए फेम और नेम पाना इतना भी आसान नहीं था. छोटे से शहर से निकलकर राजू श्रीवास्तव जब कॉमेडियन बनने का सपना लेकर मुंबई आए तो उन्हें काफी तंगहाली का भी सामना करना पड़ा था. घर से भेजे गए पैसों में मुंबई जैसे शहर में उनका खर्च पूरा नहीं हो पाता था. अपने खर्चों को पूरा करने के लिए राजू श्रीवास्तव ने मुंबई आकर ऑटो रिक्शा तक चलाए.
रिपोर्ट्स की मानें तो ऑटो चलाते हुए ही उन्हें अपना पहला ब्रेक मिला था, जो ऑटो में बैठी सवारी की वजह से ही मिला था. राजू श्रीवास्तव के बारे में ऐसी भी खबरे हैं कि उन्होंने शुरुआत में 50 रुपये में भी कॉमेडी की है. लेकिन आज राजू श्रीवास्तव कॉमेडी की दुनिया का एक जाना माना नाम हैं. उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है. आज उनका हर फैन उनके ना रहने पर रो रहा है.
RIP Raju Srivastav!
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