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राजकुमार राव ने श्रीकांत बोला से कभी हार न मानने की ली सीख
jantaserishta.com
8 May 2024 6:28 AM GMT
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता राजकुमार राव अपनी अपकमिंग फिल्म में श्रीकांत बोला की भूमिका निभाते नजर आएंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें उद्योगपति से मिलने पर धैर्य, दृढ़ता और कभी हार न मानने की सीख मिली।
श्रीकांत बोल्ला से मिलने के बाद मिली सीख के बारे में बात करते हुए राजकुमार ने आईएएनएस से कहा, ''श्रीकांत ने मुझे धैर्य, दृढ़ता और कभी हार न मानने के बारे में सिखाया। उनके लिए हार मान लेना बहुत आसान था, वे अपनी कोशिश को दिव्यांगता के चलते छोड़ सकते थे और कहते कि मैं केवल इतना ही कर सकता हूं क्योंकि मैं देख नहीं सकता... मैं दृष्टिबाधित हूं।''
लेकिन, उन्होंने कभी भी किसी चीज के चलते खुद को नहीं रोका। एक्टर ने कहा, ''उन्होंने वास्तव में सभी बाधाओं को पार किया। वह एक चैंपियन हैं। वह पहले से ही एक सफलता की कहानी हैं। वह शार्प और मेहनती हैं और हार न मानना मैंने उनसे सीखा है।''
10 मई को रिलीज होने के लिए तैयार 'श्रीकांत' उद्योगपति श्रीकांत बोला के जीवन से प्रेरित है। इसमें ज्योतिका और शरद केलकर भी हैं, और इसका निर्देशन तुषार हीरानंदानी ने किया है। राजकुमार ने आगे कहा, ''मैंने कभी भी दबाव महसूस नहीं किया। मैं वास्तव में एक अभिनेता के रूप में खुद को आगे बढ़ाना चाहता हूं। मैं वह काम करना चाहता हूं जो मेरे लिए मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर हो। लेकिन जब आप वास्तविक जीवन से प्रेरित होकर काम करते हैं तो यह एक जिम्मेदारी होती है। लेकिन मुझे दबाव में काम करना पसंद नहीं है क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं दबाव में अपना 100 प्रतिशत दे पाऊंगा।''
श्रीकांत के जीवन के बारे में जानकारी देते हुए, राजकुमार ने कहा कि वह एक बहुत ही शानदार करेक्टर हैं। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो जीवन से भरपूर हैं।” उन्होंने कहा, ''बेशक, उन्होंने बहुत सारी मुश्किलों का सामना किया है, लेकिन वह जीवन में बहुत पॉजिटिव रहे हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं, वह ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने सामने लक्ष्य रखते हैं और कड़ी मेहनत कर उन लक्ष्यों को हासिल करते हैं। जब मैं उनसे मिला तो मुझे उनकी यही बात पसंद आई।''
राजकुमार स्क्रीन पर अपने हर किरदार को बखूबी निभाते हैं, लेकिन क्या ऐसा कुछ है जो वह नहीं कर सकते? एक्टर ने जवाब दिया, ''मैं सब कुछ कर सकता हूं, जैसा श्रीकांत कहते हैं कि वह सब कुछ कर सकते हैं। मैं सब कुछ अपनी कला के रूप में करना चाहता हूं। मैं ये कहकर खुद को रोकना नहीं चाहता कि मैं ये नहीं कर पाऊंगा।''
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