भारत में जब भी गजल की बात होगी तो उसके साथ में जगजीत सिंह का नाम जरूर लिया जाएगा। उन्हें लोग 'गजल किंग' कहा करते थे। अपनी गजलों के जरिए उन्होंने लोगों के दिलों पर हमेशा राज किया। 10 अक्तूबर 2011 को मस्तिष्क आघात (ब्रेन हेमरेज) की वजह से उनका निधन हो गया था।
वो कहते है ना कि इंसान चला जाता है लेकिन उनके काम हमेशा याद किए जाते हैं।आज भी जब दुनिया में कभी गजल का जिक्र होता है तो सबसे पहले जुबा पर जगजीत सिंह (jagjit singh) का नाम आता है। आज उनकी पुण्य तिथि पर हम आपको उनकी लाइफ के उस पलों से रूबरू कराने जा रहे हैं जब उन्होंने अपने सपने को छोड़ने का फैसला कर लिया था।
गजल छोड़ने का किया ऐलान
जगजीत सिंह ने संगीत की दुनिया में अपनी एक जगह बनाई थी लेकिन एक दिन उनकी लाइफ में एक ऐसा तूफान आया जिससे उनके घर के चिराग को बुझा दिया।आपको बता दें कि चित्रा और जगजीत सिंह का एक बेटा विवेक था जिसकी 20 साल की उम्र में रोड एक्सीडेन्ट में डेथ हो गई थी। बेटे के निधन के बाद जगजीत बिल्कुल टूट गए थे और गजल नहीं गाने का फैसला ले लिया था।उन्होंने एक साल तक तो कोई गाना नहीं गाया।
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जगजीत सिंह ने अपने गानों से जीता है लोगों का दिल
लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करने वाले जगजीत सिंह ने पूरी दुनिया में संगीत की लौ जलाई। उनके गीतों और गजलों ने सबके दिलों पर ऐसा जादू बिखेरा की उन्हें गजल सम्राट कहा जाने लगा। जगजीत सिंह तो अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी आवाज आज भी बेहद सुकून देती है।
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बेटे की मौत के बाद हुआ ऐसा हाल
वहीं जगजीत सिंह के बेटे विवेक सिंह की साल 1990 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। ये जगजीत की जिंदगी का बहुत कठिन समय था। वो इस बात को सुनकर सदमे में भी चले गए थे। बता दें वह इस हादसे से उभर भी नहीं पाए थे। वहीं जगजीत की पत्नी चित्रा सिंह का भी काफी नाम हैं। वह भी अपनी गजलों के लिए काफी जानी जाती हैं। लोग आज भी दगजीत की मधुर आवाज सुनने के लिए तरसते हैं। लोग जब उनकी आवाज सुनते हैं तो बेहद खुश हो जाते हैं।आइए जगजीत सिंह की पुण्यतिथि पर उनकी प्यारी और मधुर आवाज से रुबरु कराते हैं।