पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेता की टिप्पणी पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसके विरोध में कुवैत के सुपरमार्केट ने अपने यहां से भारतीय सामानों को हटा दिया है. वहीं ईरान ने भी भारतीय राजदूत को सोमवार को तलब किया है.
स्टोर ने बताया इस्लामोफोबिक
विरोध में अल-अरदिया को-ऑपरेटिव सोसाइटी स्टोर ने भारतीय चाय और अन्य उत्पादों को ट्रॉली में रखकर उसे इस्लामोफोबिक बताया है. सऊदी अरब, कतर और इस क्षेत्र में अन्य देशों के अलावा मिस्र की अल-अजहर यूनिवर्सिटी ने बीजेपी प्रवक्ता की टिप्पणी की आलोचना की है. बीजेपी प्रवक्ता को अब पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है.
कुवैत सिटी के ठीक बाहर सुपरमार्केट में, चावल के बोरे और मसालों और मिर्च की अलमारियों को प्लास्टिक की चादरों से ढक दिया गया था. इस पर अरबी में लिखा है, 'हमने भारतीय उत्पादों को हटा दिया है'. स्टोर के सीईओ नासिर अल-मुतारी ने एएफपी को बताया, 'बतौर कुवैती मुस्लिम हम पैगंबर मोहम्मद का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.' सुपरमार्केट स्टोर के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी स्तर पर बायकॉट पर विचार किया जा रहा है.
खाड़ी देशों में टिप्पणी के खिलाफ गुस्सा
बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद न सिर्फ खाड़ी बल्कि तमाम मुस्लिम देशों में गुस्सा है. पिछले हफ्ते एक टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा की टिप्पणी को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. उनकी गिरफ्तारी की भी मांग की गई थी.
नूपुर शर्मा को पार्टी ने किया सस्पेंड
रविवार को बीजेपी ने नूपुर शर्मा के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया. पार्टी ने कहा कि वह सभी धर्मों की इज्जत करती है और शर्मा के विचार पार्टी से मेल नहीं खाते. शर्मा ने ट्विटर पर कहा था कि उनकी टिप्पणी भगवान शिव के अपमान का जवाब है. उन्होंने कहा, 'अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है या किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं बिना शर्त अपना बयान वापस लेती हूं.'
कतर दौरे पर हैं उपराष्ट्रपति
रविवार को कतर ने भारत से माफी की मांग की थी. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कतर के दौरे पर हैं. कतर और कुवैत विरोध जताने के लिए भारतीय राजदूत को तलब कर चुके हैं. इसके बाद 'सरकार और लोगों' के नाम पर विरोध दर्ज कराने के लिए ईरान ने भी यही कदम उठाया. इस्लाम के सबसे अहम संस्थानों में से एक अल-अजहर यूनिवर्सिटी ने कहा कि टिप्पणियां 'असली आतंकवाद' हैं और ये पूरी दुनिया को 'आपदा और युद्ध में धकेल सकती है'.