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जो शूट पर 8-10 वैन और 20-25 स्टाफ के साथ आते हैं।'
बॉलीवुड के लिए साल 2022 बेहद बुरा रहा है। एक तरफ जहां अक्षय कुमार की लगातार तीन फिल्में फ्लॉप रहीं, वहीं आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' भी बुरी तरह पिट गई। हॉलीवुड फिल्म 'फॉरेस्ट गम्प' के इस हिंदी रीमेक के जरिए आमिर खान ने 4 साल बाद बिग स्क्रीन पर नजर आए थे। पर यह फिल्म पिट गई। किसी ने इस फिल्म के पिटने की वजह बायकॉट ट्रेंड बताई तो किसी ने एक्टर के पुराने बयानों को इसका जिम्मेदार ठहरा दिया। लेकिन 'आश्रम' वेब सीरीज के डायरेक्टर प्रकाश झा का कुछ और कहना है। प्रकाश झा की मानें तो 'लाल सिंह चड्ढा' बायकॉट कैंपेन के कारण फ्लॉप नहीं हुई, बल्कि 'खराब क्वॉलिटी' की वजह से पिटी।
Prakash Jha इस समय अपनी फिल्म Matto Ki Saikil के प्रोमोशन में बिजी हैं। इस फिल्म के प्रोमोशन के दौरान 'सिनेस्तान' को दिए इंटरव्यू में प्रकाश झा ने Laal Singh Chaddha को लेकर बात की। साथ ही उन्होंने लगातार फ्लॉप होती फिल्मों के पीछे की वजह भी बताई। प्रकाश झा ने साफ कहा कि अगर फिल्म अच्छी है तो वह जरूर चलेगी। इंडस्ट्री के लोगों को समझना चाहिए कि वो अब बकवास फिल्में बना रहे हैं।
प्रकाश झा बोले- बकवास बना रहे इंडस्ट्री वाले
प्रकाश झा ने कहा, 'इंडस्ट्री को इसे पूरी गंभीरता से लेना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि वो बकवास फिल्में बना रहे हैं। एक फिल्म सिर्फ पैसा, कॉरर्पोरेट या फिर एक्टरों को मोटी फीस देकर नहीं बनाई जा सकती। जरूरी है कि एक अच्छी कहानी लिखी जाए। ऐसी कहानी जो आपको समझाए, आपको एंटरटेन और साथ ही झकझोर दे।'
'कहानी नहीं है तो फिल्में बनाना बंद कर दो'
यह समझाते हुए कि बॉलीवुड को किस तरह की फिल्में बनानी चाहिए, प्रकाश झा ने आगे कहा, 'उन्हें ऐसी फिल्में बनानी चाहिए जो लोगों से जुड़ी हों। जिनसे लोग कनेक्ट कर पाएं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लोग हिंदी में बोलते हैं पर वो बना क्या रहे हैं? वो सिर्फ रीमेक्स बना रहे हैं। अगर आपके पास ओरिजिनल कहानी नहीं है तो फिल्में बनाना बंद कर दो। उन्हें कड़ी मेहनत करने और कुछ ओरिजिनल सोचने की जरूरत है। लोग अब आलसी हो गए हैं।'
'अच्छी कहानी के बजाय ग्लैमरस स्टार्स को दे रहे तवज्जो'
ऐसा भी कहा जाता रहा है कि जब से ओटीटी की दुनिया में उछाल आया है, तब से दर्शकों थिएटर्स में पहुंचना बंद कर दिया है। लेकिन प्रकाश झा ऐसा नहीं मानते। उन्होंने कहा, 'ओटीटी ने सत्यानाश कर दिया है। ओटीटी पर हिंदी में अच्छे शोज कौन से हैं? हम कहानी और कंटेंट पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। लिखने में टाइम नहीं दे रहे हैं। जिनके पास अच्छी कहानियां हैं, हम उन्हें तवज्जो ही नहीं दे रहे हैं। हम सिर्फ ग्लैमरस स्टार्स को तवज्जो दे रहे हैं, जो शूट पर 8-10 वैन और 20-25 स्टाफ के साथ आते हैं।'
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