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शहबाज शरीफ के ट्रांसलेटर का ईयरफोन तार से जुड़ा हुआ था जबकि प्रधानमंत्री मोदी को वायरलेस एयरपॉड दिया गया।
समरकंद : उजबेकिस्तान के समरकंद शहर में शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर वैश्विक नेताओं ने एक-दूसरे से मुलाकात की। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ द्विपक्षीय बैठक की। शहबाज और पुतिन के बीच बातचीत में पाकिस्तान तक गैस पाइपलाइन का मुद्दा केंद्र में रहा। वहीं पीएम मोदी संग पुतिन की बातचीत किसी 'दोस्त' जैसी थी जिसमें यूक्रेन युद्ध जैसे कई गंभीर मुद्दे भी शामिल थे। लेकिन पुतिन के साथ दोनों नेताओं की बैठक में एक छोटा सा अंतर था जिसे इंटरनेट ने बड़ा बना दिया।
जब शहबाज शरीफ पुतिन के साथ बैठक में आए तो उनके कान में लगा ट्रांसलेटर बार-बार गिर जा रहा था। जबकि पुतिन ने बड़ी आसानी से उसे अपने काम पर लगाया और बोलने लगे। शरीफ के कई बार कोशिश करने के बाद भी वह बार-बार फिसल रहा था। आखिर में उन्होंने पाकिस्तानी सेना के एक अफसर को अपनी मदद के लिए पुकारा लेकिन ट्रांसलेटर उनके कान पर नहीं टिका। आखिर में पुतिन ने अफसर को दिखाया कि उसे लगाने का सही तरीका क्या है और तब जाकर शहबाज के कान पर मशीन लग पाई।
पीएम मोदी को मिला स्मार्ट एयरपॉड
ट्रांसलेटर के साथ तारों में उलझे शहबाज शरीफ पर पाकिस्तान की मीडिया और सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर चुटकी ली। लेकिन जब पीएम मोदी बैठक में पुतिन के सामने बैठे तो स्थिति बिल्कुल अलग थी। पुतिन ने मोदी को इशारा किया और उन्होंने सामने टेबल पर रखा स्मार्ट एयरपॉड उठाकर कान में लगा लिया और दोनों की बातचीत शुरू हो गई। शहबाज शरीफ के ट्रांसलेटर का ईयरफोन तार से जुड़ा हुआ था जबकि प्रधानमंत्री मोदी को वायरलेस एयरपॉड दिया गया।
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