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दर्जनों घातक हमलों के साथ दिसंबर 2021 की शुरुआत में लड़ाई फिर से शुरू हुई और शायद जारी रहेगी।'
अमेरिका स्थित पेंटागन (Pentagon) के शीर्ष स्पाई मास्टर ने सांसदों से कहा है कि अप्रैल में इमरान खान ( Imran Khan) को प्रधानमंत्री पद से हटाना निश्चित रूप से पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के दौर को दर्शाता है। उन्होंने यह भी बताया है कि इस्लामाबाद नई परमाणु हथियार वितरण प्रणाली विकसित करना जारी रख सकता है।
परमाणु हथियारों को राष्ट्रीय अस्तित्व की कुंजी मानता है पाकिस्तान
रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर (Lt Gen Scott Berrier) ने हाल ही में कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि भारत के परमाणु शस्त्रागार और पारंपरिक बल श्रेष्ठता को देखते हुए पाकिस्तान परमाणु हथियारों को अपने राष्ट्रीय अस्तित्व की कुंजी मानता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 2022 में अपने तैनात हथियारों के साथ प्रशिक्षण आयोजित करके और नई वितरण प्रणाली विकसित करके अपनी परमाणु क्षमताओं का आधुनिकीकरण और विस्तार करना जारी रखेगा।
शाहबाज शरीफ 11 अप्रैल को बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक ने बताया कि 11 अप्रैल को जब अविश्वास मत के बाद इमरान खान को पद से हटाने के बाद शाहबाज शरीफ को पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुना गया। प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले भाषण में शरीफ ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के पुनर्निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने इमरान खान के उस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने अमेरिका पर उन्हें हटाने की साजिश का आरोप लगाया था।
लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कहा कि शरीफ शायद अपने कार्यकाल के पहले 6 महीनों में सुरक्षा मुद्दों पर सेना की मांग को टालते हुए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर ध्यान देंगे। इमरान खान को हटाना लगभग निश्चित रूप से राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है।
'अफगानिस्तान में अस्थिरता पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता'
उन्होंने सांसदों से कहा कि पाकिस्तान, वर्तमान में अफगानिस्तान में अस्थिरता को अपनी सबसे प्रमुख चिंता के रूप में देखता है और संभवत: अगले वर्ष और उसके बाद पाकिस्तान में इसके फैलाव को रोकने को प्राथमिकता देगा। लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कहा कि हालांकि पाकिस्तान ने तालिबान को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन इस्लामाबाद उसके साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखना चाहता है। वह अफगानिस्तान को मानवीय सहायता, अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।
'आतंकवादी हमलों की चपेट में है पाकिस्तान'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), आईएसआईएस-के और बलूच अलगाववादियों सहित कई तरह के पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों के हमलों की चपेट में है। पाकिस्तान की सेना इन आतंकवादी समूहों के खिलाफ अभियान चला रही है और देश के अंदर छोटे पैमाने पर हमले और कभी-कभी हाई-प्रोफाइल हमले करने की उनकी क्षमता के बारे में चिंतित है।
'टीटीपी ने अपने गुटों को मजबूत किया'
स्कॉट बैरियर ने कहा, '2020 के बाद से, टीटीपी ने गुटों को मजबूत किया है और अपने हमले की गति को बढ़ाया है। नवंबर 2021 में, टीटीपी ने पाकिस्तान के साथ एक महीने के संघर्ष विराम के लिए सहमति व्यक्त की, लेकिन घोषणा की कि वह समझौते की शर्तों के कथित पाकिस्तानी उल्लंघन के कारण इसे और आगे नहीं बढ़ाएगा। दर्जनों घातक हमलों के साथ दिसंबर 2021 की शुरुआत में लड़ाई फिर से शुरू हुई और शायद जारी रहेगी।'
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