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पंकज त्रिपाठी ने किया गालियों से इनकार, अपशब्दों से ले रहे हैं ब्रेक

Rounak Dey
14 Sep 2022 10:06 AM GMT
पंकज त्रिपाठी ने किया गालियों से इनकार, अपशब्दों से ले रहे हैं ब्रेक
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ऐसे में कहते हैं कि शहनाज का नाम लेते ही मुझे हमेशा सिद्धार्थ शुक्ला की याद आ जाती है. वो भी मेरे काम को काफी सराहते थे.

अपने किरदारों से पर्दे पर आग लगाने वाले पंकज त्रिपाठी ने हाल ही में एक ऐसा ऐलान कर दिया है जिससे उनके फैंस को निराशा हो सकती हैं. 'मिर्जापुर' में कालीन भैया बनकर उन्होंने विलेन जैसा किरदार बेहद शांति से निभाया. इसके अलावा 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में की गई उनकी गुंडई किसी से भी नहीं छिपी है. ऐसे में उनका गाली न देने का प्रण कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है.


अब तक का सफर
'बरेली की बर्फी', 'न्यूटन', 'स्त्री', 'मिमी' और इनके अलावा भी न जाने कितनी ही ऐसी फिल्में हैं जिनमें पंकज त्रिपाठी के एक छोटे से रोल ने भी काफी बड़ा काम कर दिखाया है. 2004 में 'रन' से डेब्यू करने वाले पंकज ने 2006 में विशाल भारद्वाज की 'ओंकारा' में भी काम किया है.

गाली गलोच से परहेज
हाल ही में जब उनसे एक इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या वो गाली गलौज से परहेज करेंगे? तो पंकज त्रिपाठी हंसते हुए कहते हैं कि जी मैंने तय कर लिया है कि मेरे किरदार जो भी होंगे अगर अति आवश्यक होगा तो भी मैं उनका (गालियों के उपयोग का) क्रिएटिव डिवाइस निकालूंगा.

शहनाज करती हैं पसंद
इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी को जब बताया गया कि शहनाज गिल उनका बहुत सम्मान करती हैं. तो पंकज उनका आभार व्यक्त करते हैं. ऐसे में कहते हैं कि शहनाज का नाम लेते ही मुझे हमेशा सिद्धार्थ शुक्ला की याद आ जाती है. वो भी मेरे काम को काफी सराहते थे.



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