गुरुवार को तालिबान के पंजशीर में 34 सदस्यों को और 11 चेकप्वाइंट पर किया कब्जा
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भले ही पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया हो लेकिन यहां एक जगह ऐसा भी है जहां कब्जा करने के लिए तालिबान को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हम बात कर रहे हैं पंजशीर घाटी की। इस घाटी में अभी भी तालिबान विद्रोही गुट के सदस्य मौजूद हैं जो लगातार तालिबान को चुनौती दे रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में तालिबान ने यहां घातक हमले जरुर किये लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी है।
हालांकि, इस खूनी जंग के बीच आतंकी संगठन तालिबान ने गुरुवार को कहा उसने पंजशीर प्रक्षेत्र में मौजूद विद्रोही गुट के 34 सदस्यों को मार दिया है और 11 चेकप्वाइंट पर कब्जा कर लिया है। यह जानकारी तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने 'स्पूतनिक' को दी है। ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, 'हमारे मुजाहिद्दीनों ने मजबूत पकड़ बनाई है, अब तक हमने 11 चेकप्वाइंट पर कब्जा किया है और विद्रोही गुट के 34 सदस्यों को मार गिराया है। इसमें तो अहम कमांडर भी शामिल हैं। अब हम पंजशीर की मुख्य सड़क तक पहुंच गए हैं और हमने शीतल जिले पर कब्जा कर लिया है। इसमें सिर्फ जो मुजाहिद्दीन घायल हुए हैं।'
अभी हाल ही में तालिबानी नेताओं ने विद्रोही गुट के नेता अहमद मसूद के साथ समझौते को लेकर बातचीत की थी। लेकिन इस बातचीत से सुलह का रास्ता नहीं निकल पाया था। जिसके बाद तालिबान ने पंजशीर पर फिर हमला किया है। मध्य अगस्त से ही मशहूर अफगानी कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के नेतृत्व में तालिबान का विद्रोह कर रहे लोग पंजशीर घाटी में एकजुट हो गए थे। इनके साथ अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह भी मौजूद हैं। यह सभी मिलकर यहां तालिबान को चुनौती दे रहे हैं।
विद्रोही गुट के बारे में पूर्व अफगानी उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा था कि यह विद्रोह भले ही पंजशीर में चल रहा है लेकिन हम सभी अफगानियों के अधिकारों की रक्षा करेंगे। आपको बता दें कि अफगानिस्तान से यूएस सैनिकों के लौटने के ऐलान के बाद से ही तालिबान ने काफी तेजी से यहां अपना कब्जा जमाना शुरू किया था। 15 अगस्त को तालिबानी आतंकियों ने काबुल पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया था।
तालिबान के कब्जे के बाद यहां लोगों में अफगानिस्तान से निकलने की होड़ मच गई है। लोग किसी तरह यहां से निकल जाना चाहते हैं। लाखों लोग अब तक तालिबान से निकल चुके हैं। इधर तालिबान, अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। तालिबान ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि उसकी सरकार उनके हितों का ध्यान रखेगी।