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प्रदर्शनकारीयो के बीच घुटनों पर बैठीं नन की गुहार- 'सड़क के बीचों-बीच और गोली न चलाने की मांग'

Neha Dani
9 March 2021 11:30 AM GMT
प्रदर्शनकारीयो के बीच घुटनों पर बैठीं नन की गुहार- सड़क के बीचों-बीच और गोली न चलाने की मांग
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इसके राजनीतिक और सशस्त्र धड़े काफी सक्रिय रहे हैं।

सामने हथियार लिए सेना खड़ी थी। पीछे देश के लोकतंत्र पर हमले का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी। बीच में थीं सिस्टर ऐन रोजा और उन्हें पता था कि उन्हें क्या करना है। सफेद रोब और काले हैबिट में हाथ फैलाये सिस्टर रोजा बैठ गईं सड़क के बीचों-बीच और गोली न चलाने की गुहार करने लगीं। म्यांमार में तख्तापलट के बाद से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कई प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। सोमवार को भी दो जानें चली गईं और ऐसे में सिस्टर रोजा का मकसद एक ही था, बिना अपनी जान की चिंता किए जिंदगियां बचाना। इत्तेफाक से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ली गई उनकी यह तस्वीर एक मिसाल बनकर उभरी है।

'मुझसे गुजरकर जाना होगा'
28 फरवरी को भी सिस्टर रोजा यूं ही पुलिस के सामने हिम्मत के साथ खड़ी थीं। सोमवार को जब अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर ओपन फायर किया वह फिर बिना अपनी जान की चिंता किए सामने पहुंच गईं। उन्होंने अधिकारियों से कहा, 'अगर आपको यह करना है तो मुझसे गुजरकर जाना पड़ेगा।' सिस्टर रोजा ने स्काई न्यूज को बताया कि दोपहर 12 बजे सुरक्षाबलों ने कार्रवाई की तो मैंने उनसे प्रार्थना की कि लोगों को गोली न मारें, गिरफ्तार न करें। इस पर पुलिस भी उनके सामने घुटने टेककर बैठ गई और कहने लगी कि उन्हें प्रदर्शन रोकने के लिए यह करना ही पड़ेगा।

प्रशासन को गोलीबारी से गुरेज नहीं
इसके बाद आंसू गैस चलाई गई और सिस्टर रोजा की तबीयत भी खराब होने लगी। तभी एक शख्स को गोली मार दी गई। उन्होंने बताया कि वह देख नहीं पाईं कि किसने गोली चलाई लेकिन उम्मीद की कि उन अधिकारियों ने नहीं चलाई होगी जिनसे उन्होंने बात की थी। 1 फरवरी के बाद से म्यांमार में प्रदर्शन जारी हैं जिनपर किसी भी तरह की कार्रवाई करने से सैन्य प्रशासन पीछे नहीं हट रहा है। अब तक 50 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकार ऑफिस के मुताबिक पिछले रविवार को 18 लोगों को मार दिया गया था और बुधवार को 38 लोगों की मौत हो गई थी।

आमने-सामने जनता और जुंटा
राजधानी नेपीडॉ में पुलिस ने हजारों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ दी। मंडाले में हजारों प्रदर्शनकरी इकट्ठा हुए लेकिन पुलिस और सेना के बल इस्तेमाल करने की खबर मिलने के बाद बचने में कामयाब रहे। दूसरी ओर तनिनथरयी से स्थानीय समुदाय ने केरेन नैशनल पुलिस फोर्स प्रदर्शनकारियों के समर्थन में भेजी है। हथियारबंद फोर्स के पास असॉल्ट राइफलें भी थीं और वे टुकड़ियों में मार्च कर रहे हैं। KNPF दशकों से केंद्रीय सरकार से स्वायत्ता की मांग करती आई है। इसके राजनीतिक और सशस्त्र धड़े काफी सक्रिय रहे हैं।


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