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प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में इंडस्ट्री में हो रही गंदी राजनीति और अपने बॉलीवुड छोड़ने की वजह का खुलासा करते हुए कहा था कि उन्हें एक कोने में धकेला जा रहा था। इसके बाद से इंडस्ट्री में मची सनसनी के बीच कई सेलेब्स ने अपना दर्द बयां किया। वहीं, अब विवेक ओबेरॉय भी प्रियंका के समर्थन में आए और उन्होंने अपने दर्द भी साझा किया। विवेक ने इंडस्ट्री के काले चिट्ठे खोलते हुए अपने बुरे दौर के बारे में बात की। वहीं, उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर भी प्रतिक्रिया दी।
दरअसल, बिना नाम लिए विवेक ने सलमान खान के खिलाफ इशारा किया है। विवेक के साथ बॉलीवुड में राजनीति तब शुरू हुई, जब उन्होंने साल 2003 में सलमान खान के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कहा था कि सलमान ने उन्हें धमकी दी थी, क्योंकि वह कथित तौर पर ऐश्वर्या राय को डेट कर रहे थे, जो इससे पहले सलमान के साथ रिलेशन में थीं। अब अपने बुरे दौर को याद करते हुए विवेक ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे खुशी है कि मैं इससे बाहर आया। मैं एक तरह से अग्नि परीक्षा के माध्यम से इन सब चीजों से ऊपर आया और बच गया, लेकिन हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता है।
विवेक ने प्रियंका के बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि आखिरकार मैं बहुत सी चीजों से गुजरा, जो जरूरी नहीं थी। बहुत सारी लॉबी, बहुत सारी दमदार कहानियां, प्रियंका भी इसी तरफ इशारा कर रही हैं। दुर्भाग्य से यह हमारी इंडस्ट्री की पहचान रहा है। यह हमारी इंडस्ट्री के डार्क साइड में से एक रहा है और मैं इससे गुजरा हूं। मुझे पता है यह निराशाजनक है। यह किसी को भी बहुत थका हुआ और हारा हुआ महसूस कराता है। प्रियंका ने अपने लिए नई जगह खोजी। यह बहुत प्रेरणादायक है। वह बाहर गईं और कुछ अलग किया। एक तरह से वह गंदी पॉलिटिक्स से वह बाहर निकलीं। व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से उनके लिए कुछ मैजिकल हुआ।
विवेक ने खुलासा किया कि साल 2007 में हिट फिल्म 'शूटआउट एट लोखंडवाला' में अवॉर्ड विनिंग परफॉर्मेंस देने के बाद भी उन्हें 14 महीने तक घर में ही बैठना पड़ा। उन्हें कोई काम नहीं मिला। अभिनेता ने कहा कि इंडस्ट्री बहुत असुरक्षित जगह है। मैंने खुद को संभाला और इन चीजों से निकलने की सोची और सफलता पाई। मैंने इसके खिलाफ आवाज उठाई।
उन्होंने सुशांत के बारे में बात करते हुए कहा कि सुशांत सिंह राजपूत को कभी भी अपनी जान नहीं गंवानी चाहिए थी। चाहे कुछ भी हो जाए। यह बहुत दुखद है। वह प्रतिभाशाली युवक थे और उनके पास दोस्तों का बेहतर नेटवर्क होना चाहिए था। आप इंडस्ट्री को परिवार कहते हैं तो परिवार को एक-दूसरे के लिए होना चाहिए।
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