
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अभिनेता नीतीश भारद्वाज को टीवी जगत के 'भगवान कृष्ण' के नाम से भी जाना जाता है। बी आर चोपड़ा की 'महाभारत' में 'श्रीकृष्ण' का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। श्रीकृष्ण बनकर उन्होंने दर्शकों के दिल में ऐसी छाप छोड़ी कि लोग उन्हें सचमुच का भगवान मान पूजने लगे। आज नीतीश के जन्मदिन के मौके पर चलिए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें...
नीतीश का जन्म दो जून 1963 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद नीतीश ने वेटरनरी सर्जन का काम शुरू किया। हालांकि, उन्हें इस नौकरी में दिलचस्पी नहीं थी और उनका रुझान अभिनय की तरफ हुआ। नीतीश ने अभिनय में हाथ आजमाने की सोची और एक मराठी थिएटर से जुड़ गए। फिर, वह हिंदी थिएटर से जुड़े। इस दौरान उन्हें 'महाभारत' के 'श्रीकृष्ण' के रूप में कास्ट किया गया।
कृष्ण का किरदार मिलने पर नीतीश खुद को भाग्यशाली मानते हैं। अपने इस किरदार पर बात करते हुए एक बार नीतीश ने खुलासा किया था कि उनका जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और भगवान श्रीकृष्ण भी भादो महीने के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि, बुधवार के दिन ही रोहिणी नक्षत्र में जन्मे थे। नीतीश का मानना है कि शायद दोनों के बीच इसी समानता के कारण उन्हें 'महाभारत' में 'श्रीकृष्ण' का किरदार निभाने का मौका मिला।
'श्रीकृष्ण' का किरदार निभाने के बाद नीतीश घर-घर में छा गए थे। लोग उन्हें भगवान समझकर पूजने और उनके दर्शन के लिए तरसने लगे। एक बार 'महाभारत' की शूटिंग के किस्से को साझा करते हुए नीतीश ने खुलासा किया था कि जयपुर में कुरुक्षेत्र की शूटिंग के दौरान लोगों की मांग पर उन्हें आमंत्रण दिया गया था। वहां हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद थे। उन्होंने सीरियल की शूटिंग रोक दी थी और उनकी मांग थी कि वह कृष्ण के दर्शन करना चाहते थे। भीड़ को देखते हुए नीतीश लगभग दो घंटे तक कॉस्ट्यूम पहनकर खड़े रहे और लोग एक-एक करके आते रहे और दर्शन करते रहे।
'श्रीकृष्ण' का किरदार निभाने के बाद नीतीश को ऐसे कई पौराणिक कथाओं में धार्मिक किरदार निभाने का मौका मिला। उन्होंने 'महाभारत' के अलावा 'श्री कृष्ण', 'गीता रहस्य', 'विष्णु पुराण' और 'मन में है विश्वास' जैसे टीवी शोज में भगवान कृष्ण की ही भूमिका निभाई। अभिनय के बाद नीतीश ने राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया और श्री कृष्ण के रूप में मिली लोकप्रियता से उन्हें सफलता भी मिली। साल 1996 में नीतीश ने जमशेदपुर की सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को शिकस्त दे दी थी।