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Nikita Dutta ने का खुलासा, 'मिस इंडिया' का ताज हाथ से निकल जाने के बाद मन में आने लगे थे ऐसे ख्याल

Neha Dani
18 Jun 2022 3:19 AM GMT
Nikita Dutta ने का खुलासा, मिस इंडिया का ताज हाथ से निकल जाने के बाद मन में आने लगे थे ऐसे ख्याल
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मुझे छोटे पर्दे से काफी पॉप्युलैरिटी मिली और अब फिल्में भी कर रही हूं लोग मेरा काम पसंद कर रहे है।

लाइफ ओके के शो 'ड्रीम गर्ल' से अपने करियर की शुरुआत करने वाली टेलीविजन अभिनेत्री निकिता दत्ता को छोटे पर्दे पर सोनी टीवी के सीरियल 'एक दूजे के वास्ते' से काफी पॉप्युलैरिटी मिली। छोटे पर्दे पर डेब्यू करने से पहले ही निकिता की दिली ख्वाईश खुद को बड़े पर्दे पर देखने की थी और इस दौरान उन्होंने काफी ऑडिशन दिए थे और उनकी मेहनत रंग भी लायी। यूं तो अभिनेत्री को 2014 में बॉलीवुड फिल्म 'लेकर हम दीवाना दिल' से बॉलीवुड में डेब्यू करने का मौका मिला, लेकिन पहली फिल्म से बड़े पर्दे पर ऑडियंस के दिल मे उनका जादू कुछ खास नहीं चला, लेकिन 2015 में उन्हें छोटे पर्दे पर पहचान मिलनी शुरू हुई। उसके बाद निकिता फिल्म 'गोल्ड' और 'कबीर सिंह' में काफी दमदार किरदार में नतर आईं जहां उन्हें ऑडियंस ने नोटिस किया। टेलीविजन से फिल्मी पर्दे तक अपने सफर को लेकर निकिता ने Jagran.Com से हुई एक्सक्लूसिव मुलाकात में अपने मुश्किल दौर से जुड़ी कुछ यादें सांझा की हैं।






निकिता कहती है कि मैं सबसे ज्यादा अपने मुश्किल वक्त को याद रखती हूं। आज भी मैं उस बारे में सोचती हूं जब मैंने मिस इंडिया में पार्टिसिपेट किया था।असल में यह 2012 की बात है। मैंने फेमिना मिस इंडिया में पार्टिसिपेट किया और सारे राउंड्स मैं बहुत कॉन्फिडेंटली क्लियर करती जा रही थी और जब आप जीत के इतना करीब होते हैं तो जाहिर है कि आपका कॉन्फिडेंस और बढ़ जाता है। मुझे लग रहा था कि मैं जरूर जीतूंगी, लेकिन मैं मिस फाइनलिस्ट बनीं और आखिरी दौर में मिस इंडिया का ताज मुझसे छूट गया और मैं मिस इंडिया बनते-बनते रह गयी थी। तब मुझे ऐसा लगा था कि शायद अब कुछ होगा नहीं और शायद ये मेरा गलत फैसला था और अब मुझे वापस पढ़ाई करनी चाहिए।
निकिता अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं असल में उस वक्त मैं बिल्कुल टूट गयी थी। मुझे सचमुच ऐसा लग रहा था कि शायद अब इस फील्ड में मैं कुछ नहीं कर पाऊंगी, क्योंकि मेरा कॉन्फिडेंस बिखर गया था। काफी उधेड़बुन में थी कि अब पढ़ाई शुरू करनी है। क्या करना है, लेकिन उस मुश्किल वक्त में एक दिन मुझे ऐसी फीलिंग आयी और मुझे अपने अंदर से एक आवाज आई जिसने कहा यह वक्त दुःखी होने का नहीं है। अभी इसी फील्ड में ही कोशिश करते हैं आगे जो होगा वो देखा जाएगा, लेकिन कोशिश तो करनी बनती है। एक लास्ट ट्राई करने के लिए मैंने फिर हिम्मत जुटाई, लेकिन इस बार मेरी मेहनत और किस्मत ने मेरा साथ दिया और काम मिलना शुरू हो गया और कुछ ही सालों में मुझे छोटे पर्दे से काफी पॉप्युलैरिटी मिली और अब फिल्में भी कर रही हूं लोग मेरा काम पसंद कर रहे है।


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