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मुझे उस वक्त इन सब बातों की कोई परवाह नहीं थी। हां फिर मैं लड़ी। पैसा निकलवाने के लिए मैं एकदम रानी की तरह लड़ी।'
निया शर्मा (Nia Sharma) को स्टार प्लस के सीरियल 'एक हजारों में मेरी बहना है' (Ek Hazaaron Mein Meri Behna Hai) से खूब पसंद किया गया था। इसके बाद वह जी टीवी के शो 'जमाई राजा' (Jamai Raja) में नजर आईं। वहां भी उन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। लेकिन जितना वह पर्दे पर अपने काम से लोगों का दिल जीत रही थीं। वहीं पर्दे के पीछे उन्हें उसी काम की पेमेंट के लिए हाथ-पैर मारने पड़ रहे थे। एक इंटरव्यू में निया बताती हैं कि कैसे टीवी इंडस्ट्री में उन्हें 'फॉर ग्रांटेड' लिया जाता था और खच्चर से भी बुरी तरह ट्रीट किया जाता था। साथ ही 12 घंटे लगातार काम करने के बाद भी अगर वह घर जाना चाहती थी तो कैसे उन पर 'अनप्रोफेशनल' होने का टैग लगा दिया जाता। और घर जाने के लिए जो वैनिटी वैन मिलती थी, वह भी बेहद खराब स्थिति में होती थी।
बॉलीवुड बबल को दिए इंटरव्यू में निया ने बताया, 'मैंने बहुत ही खराब स्थिति में काम किया है। कितना भी काम कर लो लेकिन अपनी पेमेंट्स के लिए मुझे भीख ही मांगनी पड़ती थी। मैं इससे गुजरी हूं और खूब लड़ी भी हूं। पेमेंट के लिए तो बहुत गंदी लड़ाईया हुई हैं। आप इसे बचपना कहें या जो कहें, लेकिन मैं ऐसी इंसान थी, जो स्टूडियो के बाहर घंटों खड़ी रहती थी। जब तक मेरे पैसे मुझे मिल नहीं जाते थे, मैं कहती थी कि काम नहीं करूंगी। हां मैंने कई बार ये अल्टीमेटम दिए हैं क्योंकि मुझे पेमेंट मिलने का कोई दूसरा तरीका नहीं था। क्योकि हमें तो भीख मांगने, रोने और गिड़गिड़ाने के ही लिए बनाया गया है।'
निया आगे कहती हैं, 'मुझे कई बार पैसे नहीं दिए गए। मना कर दिया गया। लेकिन मैंने यह तय किया कैसे भी करके मैं तो पैसे लेकर रहूंगी। फिर चाहे ये मुझे ब्लैकलिस्ट कर दें या फिर काम न दें। मैं हर तरह से तैयार थी। मुझे उस वक्त इन सब बातों की कोई परवाह नहीं थी। हां फिर मैं लड़ी। पैसा निकलवाने के लिए मैं एकदम रानी की तरह लड़ी।'
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