एनसीबी का दावा कमजोर, आर्यन खान केस में शामिल रामदास को भी मिली जमानत
आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट ड्रग्स केस में एनसीबी का दावा कमजोर पड़ता नजर आ रहा है. NDPS एक्ट के तहत स्पेशल कोर्ट ने अपने बयान में कहा है कि NCB ने सप्लायर रामदास हरिजन पर जो ड्रग्स तस्करी के आरोप लगाए थे वे अभी तक कोई भी मजबूत साक्ष्य रामदास के खिलाफ नहीं ला सके हैं. इस हिसाब से एनसीबी का दावा अब कमजोर पड़ता नजर आ रहा है. बता दें कि इसी तर्ज पर आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को भी बेल मिली थी. आर्यन खान के पास से कोई भी ड्रग्स नहीं बरामद किया गया था. अब रामदास हरिजन को भी बेल मिल गई है. इसी के साथ एनसीबी का वो दावा भी कमजोर पड़ गया है जिसमें कहा गया था कि आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स बेची गई थी.
स्पेशल कोर्ट के मुताबिक NDPS Act के सेक्शन 67 की मानें तो रामदास के खिलाफ कोई भी ऐसा एविडेंस नहीं मिला है जिससे ये साबित हो पाए कि वे एक ड्रग डीलर हैं. उनके पास से महज 62 ग्राम चरस मिली है. इसकी मात्रा इतनी कम है कि इसे नॉन कॉमर्शियल कैटेगरी में गिना जाएगा. साथ ही इस बात का भी कोई सबूत नहीं मिल पाया है कि रामदास ने ही अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स बेचे थे. हालांकि अरबाज मर्चेंट ने अपने स्टेटमेंट में ये कहा था कि उन्हें हरिजन रामदास से ही ड्रग्स मिले हैं.
रामदास को बेल देते वक्त भी जज वीवी पाटिल ने इस बात का जिक्र किया कि उनके खिलाफ कोई भी ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं जिसके तहत उन्हें एक ड्रग पेडलर कहा जा सके. ऐसे में कोर्ट ने कहा है कि एनसीबी को कोई ऐसा सबूत तो देना ही पड़ेगा जिससे ये साबित हो सके कि रामदास एक पेडलर है और इस केस के पीछे का साजिशकर्ता भी है. जज पाटिल ने अपना डिसिजन सुनाते वक्त इस बात का भी ध्यान रखा कि रामदास मुंबई का पर्मानेंट रेसिडेंट है और इससे पहले उसका कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. जिस तरह से बाकी आरोपियों को बेल मिली थी उसी प्रक्रिया के साथ रामदास को भी बेल मिल गई. वे इस क्रूज ड्रग्स केस में बेल पाने वाले 16वें शख्स बन गए हैं.