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और इस तरह वो आज के दौर के बेहतरीन अभिनेता बन गए.
हिंदी सिनेमा में आज के दौर के धुरंधरों का नाम लिया जाए तो नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) के बिना वो लिस्ट पूरी ही नहीं हो सकती. एक ऐसा कलाकार जिसने आंखों से, बातों से, बॉडी लैंग्वेज से हर तरह से एक्टिंग की और लोगों के दिलों में ऐसे बस गए मानो सिनेमा का दूसरा नाम हों नवाजुद्दीन. लेकिन नवाजुद्दीन सिद्दीकी को जो मिला उसके बारे में तो उन्होंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था.
फिल्मी सितारा बनने का नहीं था सपना
नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक्टर बनना चाहते थे ये बात उन्हें काफी पहले ही समझ आ गई थी. इसलिए उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया था. मुफलिसी में झेलते हुए भी उन्होंने एक्टिंग सीखना नहीं छोड़ा और इसके गुर सीख मुंबई की ट्रेन पकड़ ली. मुंबई माया नगरी थी जो दूर से कुछ और थी और पास से कुछ और. जब नवाजुद्दीन मुंबई आए तो उनका सपना कोई बड़ा स्टार बनने का नहीं था. बल्कि वो तो महज टीवी में ही काम करना चाहते थे.
टीवी में नहीं मिला काम
उस वक्त नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कई ऑडिशन दिए लेकिन कहीं भी उनकी बात नहीं बनी. अब मुंबई जैसे शहर में रहने के लिए काम तो करना ही था लिहाजा उन्होंने सी ग्रेड फिल्मों में भी काम करना शुरू कर दिया. वो कई फिल्मो में छोटे मोटे किरदार निभाने से भी नहीं शरमाए. शूल, मुन्ना भाई एमबीबीएस में उन्होंने बेहद ही छोटी मोटी भूमिकाएं निभाई थीं. और फिर उन्हें कहानी फिल्म ऑफर हुई. इस फिल्म में वो विद्या बालन के साथ नजर आए और उन्होंने एक छाप सी दर्शकों के दिलों पर छोड़ दी. इसके बाद उन्हें कई बेहतरीन रोल ऑफर होने लगे और वो छाने लगे. एक अलग तरीके की एक्टिंग और सबसे अलग से दिखने वाले नवाजुद्दीन लोगों को जच गए और इस इंडस्ट्री को भी. फिर तलाश और बदलापुर जैसी फिल्मों ने जादू सा कर दिया. और इस तरह वो आज के दौर के बेहतरीन अभिनेता बन गए.
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