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लव जिहाद का आरोप लगने पर नसीरुद्दीन शाह ने बताया पत्नी रत्ना पाठक ने क्यों नहीं बदला धर्म

SANTOSI TANDI
29 Aug 2023 6:53 AM GMT
लव जिहाद का आरोप लगने पर नसीरुद्दीन शाह ने बताया पत्नी रत्ना पाठक ने क्यों नहीं बदला धर्म
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पत्नी रत्ना पाठक ने क्यों नहीं बदला धर्म
नसीरुद्दीन शाह (73) ऐसे एक्टर हैं, जिन्होंने हर जगह खुद को साबित किया। कला फिल्मों के बाद नसीरुद्दीन ने कमर्शियल फिल्मों में भी धूम मचाई। उन्हें एक्टिंग की जीती-जागती पाठशाला माना जाता है। वे प्रोफेशनल के साथ पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चाओं में रहते हैं। उन्होंने साल 1982 में एक्ट्रेस रत्ना पाठक शाह के साथ शादी की थी। अब नसीरुद्दीन ने खुलासा किया है कि रत्ना ने शादी के बाद धर्म क्यों नहीं बदला था।
नसीरुद्दीन ने एक ओपन लेटर लिखा जिसमें वे उनकी शादी पर कुछ गलत सवाल खड़े होने से नाराजगी दिखा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि मुझे किसी हिंदू से शादी करने में कोई झिझक नहीं थी और ना ही उन्हें किसी मुस्लिम से। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक पूर्व कैबिनेट मंत्री की पार्टनर ऐसा करेगी, मुझे धमकी दी कि किसी ने तब तुम्हें कुछ नहीं बोला जब तुमने अपने धर्म के बाहर शादी की।
मुझ पर लव जिहाद का आरोप लगाया और उनकी बातों से साफ पता चल रहा है कि वह कहना चाहते हैं कि मेरा टाइम हो गया है। आज तक सिर्फ एक ही बार इस सब्जेक्ट पर हमारे घर में बात हुई मां के द्वारा और उन्हें भी जब पता चला कि रत्ना धर्म नहीं बदलेगी तो उन्होंने कहा था, हां मजहब कैसे बदला जा सकता है। मेरा और रत्ना का साथ ही ये प्रूफ है कि हिंदू और मुस्लिम साथ रह सकते हैं। तो वो कौन होते हैं बोलने वाले और हमारे रिश्ते पर सवाल खड़ा करने वाले। क्या ये पार्टिशन के दौरान बोए गए नफरत के बीज धीरे-धीरे अंकुरित हो रहे हैं?
‘मेनस्ट्रीम सिनेमा ने किया दर्शकों के टेस्ट को बर्बाद’
इससे पहले नसीरुद्दीन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमारे मेनस्ट्रीम सिनेमा ने दर्शकों के टेस्ट को बर्बाद कर दिया है। फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने इस बात का जिक्र अपनी किताब ‘हमारी फिल्में, उनकी फिल्में’ में किया है, जो उन्होंने 50 साल पहले लिखी थी, जब उनकी फिल्में चल नहीं रही थी।
उन्होंने भारतीय फिल्मों की आलोचना की, लेकिन वे केवल भारतीय फिल्म निर्माताओं की तुलना अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं से कर रहे थे। सत्यजीत रे चाहते थे कि हमारे दर्शक अधिक समझदार हों और उन्होंने दर्शकों के महत्व पर जोर दिया जो एक फिल्म निर्माता से सवाल करते हैं। सत्यजीत रे ने कहा था कि हमें ऐसे दर्शकों की जरूरत है, जो गुस्सा करते हों, हमें ऐसे दर्शकों की जरूरत है जो जिज्ञासु हों।
हमेशा दर्शकों की कोमल संवेदनाओं को ध्यान में रखना सही नहीं है। नसीर फिलहाल अपनी हाल की रिलीज शॉर्ट फिल्म ‘मैन वुमन, मैन वुमन’ को लेकर चर्चा में बने हुए है। इस फिल्म में नसीर ने निर्देशक की भूमिका निभाई है। नसीर साल 2006 में आई फिल्म ‘यूं होता तो क्या होता’ से निर्देशन की दुनिया में आए थे।
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