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ताइवान का कहना है कि वो चीन से जंग नहीं चाहता है। इसके बाद भी वो लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा है कि यूएस ताइवाान को अलग-थलग करने की चीन की योजना को कभी सफल नहीं होने देगा। उन्होंने ये बयान जापान पहुंचकर दिया है।जापान के दौरे पर नैंसी ने कहा कि चीन चाहता है कि ताइवान कहीं भी किसी भी मंच पर सहभागिता न दिखा सके। यही वजह है कि वो उसको अलग-थलग रखना चाहता है। चीन हमें किसी को भी ताइवान जाने से रोक नहीं सकता है। बता दें कि नैंसी के एशिया दौरे में जापान उनका आखिरी पड़ाव है। इससे पहले वो दक्षिण कोरिया गई थीं, जहां पर उन्होंने उत्तर-दक्षिण कोरिया के बीच बने Demilitrised zone को भी देखा था। उनसे पहले इस जगह पर वर्ष 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गए थे।
नैंसी के जापान दौरे पर दोनों देशों ने ताइवान का साथ देने पर सहमति जताई है। जापान का कहना है कि चीन की करीब 5 मिसाइल उसके इकनामिक जोन में भी गिरी हैं। टोक्यो की तरफ से इस पर कड़ी नाराजगी जताई गई है बता दें कि जापान पहुंचकर शुक्रवार को नैंसी पेलोसी ने जापान के पीएम फूमियो किशिदा से मुलाकात की। किशिदा का कहना है कि चीन की लाइव फायर ड्रिल से उनकी सुरक्षा को भी खतरा खड़ा हो गया है। इस बीच चीन ने कहा है कि वो आसिया सम्मेलन में जापान का बायकाट करेगा। ये सम्मेलन कंबोडिया में होगा।
आपको बता दें कि नैंसी के ताइवान दौरे के बाद चीन ने ताइवान को घेर कर लाइव फायर ड्रिल शुरू की है जो 7 अगस्त तक चलेगी। चीन ने कहा है कि अब वो ताइवान को अपनी मुख्य भूमि में मिलाने की प्रक्रिया को तेज करेगा। गुरुवार को शुरू की गई इस लाइव फायर ड्रिल में करीब 12 डेनफांग मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया। इस ड्रिल में चीन ने अपने कई अत्याधुनिक युद्धपोतों और विमानों को उतारा हुआ है। जापान ने इस फायर ड्रिल का कड़ा विरोध किया है। जापान का कहना है कि इस फायर ड्रिल से गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। ताइवान को भी इस ड्रिल की वजह से अपनी दर्जनों उड़ानों को रद करना पड़ा है।
जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा का कहना है कि चीन की फायर ड्रिल से ताइवान के लिए गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इसकी वजह से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चीन की लाइव फायर ड्रिल को देखते हुए ताइवान भी पूरी तरह से हाई अलर्ट है। ताइवान का कहना है कि वो चीन से जंग नहीं चाहता है। इसके बाद भी वो लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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