मनोरंजन
डिप्रेशन में हैं मिलिंद सोमन की पत्नी अंकिता, बोलीं- सब 'ठीक' नहीं है, मैं रोती हूं...
Rounak Dey
24 Dec 2021 5:55 AM GMT
![डिप्रेशन में हैं मिलिंद सोमन की पत्नी अंकिता, बोलीं- सब ठीक नहीं है, मैं रोती हूं... डिप्रेशन में हैं मिलिंद सोमन की पत्नी अंकिता, बोलीं- सब ठीक नहीं है, मैं रोती हूं...](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/12/24/1435533-ankitakonwarondepressionmain.webp)
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यह आसान नहीं होता। आप बस बेहतर और मजबूत होते जाते हैं।'
हमारे समाज में मेंटल हेल्थ पर बात करना अभी भी आसान नहीं है। हालांकि पिछले कुछ समय में बदलाव देखने को मिला है। बॉलीवुड से जुड़े कई सेलिब्रिटीज सामने आए हैं जिन्होंने मेंटल हेल्थ, डिप्रेशन पर खुलकर बात की है। मिलिंद सोमन की पत्नी अंकिता कोंवर अपनी फिटनेस को लेकर काफी सक्रिय हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट करती रहती हैं। हालांकि अब अंकिता ने एक पोस्ट लिखकर बताया कि वह डिप्रेशन से जूझ रही हैं। उन्होंने कुछ प्रैक्टिस का जिक्र किया जिससे उन्हें इससे उबरने में मदद मिलती है।
अंकिता ने बताया कैसा महसूस कर रहीं
अंकिता ने सोशल मीडिया अपनी एक तस्वीर शेयर की जिसमें वह नाश्ता करती नजर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि वह तस्वीर में ठीक दिख रही हैं लेकिन उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। एक लंबे-चौड़े पोस्ट में अंकिता ने लिखा- 'हाल के दिनों की एक फोटो जिसमें मेरे दिमाग में तूफान चल रहा था लेकिन मेरे चेहरे पर मुस्कान के साथ शांति झलक रही थी। हां मेरे पास अभी भी कुछ दिन हैं जहां सबकुछ ठीक नहीं है। हर कोई जो ठीक दिखता है असल में वह ठीक नहीं होता।'
'चीजें अर्थहीन लग सकती हैं'
अंकिता आगे लिखती हैं, 'उसी वक्त चीजें अर्थहीन लग सकती हैं लेकिन अब मैं पहले की तरह नहीं डरती। डिप्रेशन का लंबा समय जीने के बाद भी मुझे कई बार इससे निकलने में समय लगता है।' उन्होंने लिखा, 'लेकिन अब मैं और मजबूत हो गई हूं। और ज्यादा पॉजिटिव हो गई और अंधेरे के बीच तेज लाइट देखने की कोशिश करती हूं। मैं इसे खुद को खत्म नहीं करने देती, मैं रोती हूं जब मुझे लगता है। मैं अपने विचारों को उस तरह नहीं रोकती जैसे मैं पहले रोकती थी।'
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कुछ भी आसान नहीं
अंकिता कहती हैं, 'मैंने उन्हें आने और जाने दिया। इसके लिए बहुत प्रैक्टिस की जरूरत होती है। मुझे याद है मैंने कहीं पढ़ा था कि इस दुनिया में कुछ लोगों को जीवित रहने के लिए दूसरों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। और आखिरकार अब मैंने इस फैक्ट को स्वीकार कर लिया है। निश्चित रूप से हमारी जिंदगी के अनुभव इसमें बड़ा रोल निभाते हैं। हमें इसके माध्यम से अपना रास्ता तय करने के लिए हर संभव मदद मिलनी चाहिए। यह आसान नहीं है। यह आसान नहीं होता। आप बस बेहतर और मजबूत होते जाते हैं।'
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