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महाभारत' की 'कुंती' ने बी-ग्रेड फिल्मों के लिए ठुकराए हिंदी फिल्मों के ऑफर

Apurva Srivastav
23 April 2024 2:12 AM GMT
महाभारत की कुंती ने बी-ग्रेड फिल्मों के लिए ठुकराए हिंदी फिल्मों के ऑफर
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मुंबई : फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है, जहां अर्श से फर्श पर आने में जरा भी देर नहीं लगती है। रातों-रात यहां कौन सा इंसान कब स्टार बन जाए किसी को नहीं पता। 70-80 के दशक में भी कई ऐसे एक्टर्स जो आज कहां हैं, अपनी जिंदगी में क्या कर रहे हैं इसका अंदाजा किसी को नहीं है।
हालांकि, उस दौर में जब भी कोई उन्हें देखता था, तो बस देखता ही रह जाता था। ऐसा ही एक नाम थीं नाजनीन, जिन्होंने बी आर चोपड़ा की 'महाभारत' की 'कुंती' का किरदार निभाया था। उनका ये यादगार किरदार आज भी लोगों के जहन में बसा हुआ है।
'महाभारत' में कुंती का किरदार निभाने वालीं नाजनीन 70-80 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस भी रह चुकी हैं। अपनी खूबसूरती और अभिनय से सबका दिल जीतने वाली नाजनीन के करियर में एक समय ऐसा आ गया था जब उन्हें बी-ग्रेड फिल्मों में काम करना पड़ा था, क्या है ये पूरा दिलचस्प किस्सा, चलिए जानते हैं।
सा-रे-गा-मा-पा से हुई थी नाजनीन की शुरुआत
साल 1958 में कोलकाता में जन्मीं नाजनीन ने अपने करियर की शुरुआत साल 1972 में की थी। जब वह मुंबई में शिफ्ट हुई थीं तो एक पार्टी के दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक सत्येन बोस से हुई, जिन्होंने उन्हें फिल्म 'सा-रे-गा-मा-पा' में कास्ट किया।
इस फिल्म के बाद नाजनीन ने इंडस्ट्री में कोरा कागज, चलते-चलते और दिलदार जैसी फिल्मों में काम किया। कई फिल्मों का हिस्सा बनने के बाद उन्होंने साल 1988 में अपनी जिंदगी का सबसे यादगार किरदार निभाया, जो था महाभारत में 'कुंती' का, जिसके लिए एक्ट्रेस को काफी सराहना मिली थी।
नीतू कपूर से थी बचपन से जान-पहचान
मुस्लिम परिवार में जन्मी नाजनीन के पिता प्रिंटिंग प्रेस के ओनर थे। लखनऊ में कुछ समय तक पढ़ाई करने के बाद जब नाजनीन मुंबई शिफ्ट हुईं, तो उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई वही से की। वह हिल ग्रेंज हाई स्कूल से पढ़ी हुई हैं। जिस स्कूल में नाजनीन पढ़ती थीं, उसी स्कूल में रणबीर कपूर की मां और दिग्गज अभिनेत्री नीतू सिंह ने भी पढ़ाई की है। नीतू अक्सर उन्हें और उनकी मां को अपने फ्लैट पर लंच के लिए इनवाइट करती थीं।
जया बच्चन की बहन का निभा चुकी हैं किरदार
नाजनीन ने 70-80 के दशक में इंडस्ट्री में बहुत काम किया। वह 1972 से लेकर 1990 तक मनोरंजन के क्षेत्र में एक्टिव रहीं। उन्होंने सा रे गा मा पा के बाद सत्येन बोस की दो और फिल्में साइन की, जो कभी नहीं बनी।
साल 1974 में नाजनीन ने फिल्म 'कोरा कागज' में काम किया, जिसमें उन्होंने जया बच्चन की बहन का किरदार अदा किया। उनके इस किरदार की तारीफ इस फिल्म में बहुत हुई, लेकिन इसके बाद उन्होंने कई बड़ी फिल्मों के ऑफर को ठुकरा दिया।
बी क्लास फिल्मों के लिए छोड़े बड़े ऑफर
नाजनीन के बहन के किरदार के बाद एक समय ऐसा भी आया, जब उन्हें मेन लीड के बजाय हिंदी सिनेमा में अधिकतर सेकंड लीड रोल मिला।
हालांकि, उस दौरान नाजनीन बी-ग्रेड फिल्मों में भी काम करती थीं, ऐसे में उन फिल्मों के मेकर्स ने उन्हें चेताया कि अगर वो वह बहन का किरदार स्वीकार करती हैं, तो उनकी मेन लीड की ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर काफी , जिसकी वजह से उन्होंने बड़ी-बड़ी फिल्मों के ऑफर भी ठुकरा दिए।
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