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जरूरत के वक्त PPF पर भी ले सकते हैं लोन, सिर्फ पूरी करनी होंगी ये शर्तें

Neha Dani
10 May 2021 8:21 AM GMT
जरूरत के वक्त PPF पर भी ले सकते हैं लोन, सिर्फ पूरी करनी होंगी ये शर्तें
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नॉमिनी या उत्तराधिकारी को इसका ब्याज चुकाना होगा.

कोरोना काल में अगर आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) अकाउंट पर लोन ले सकते है. इसमें किसी तरह की गारंटी की भी जरूरत नहीं होती है. इसमें आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं. हालांकि ऋण तभी मिल पाएगा जब खाते में निवेश के 5 साल पूरे हो जाएं.

आमतौर पर पीपीएफ अकाउंट में मैच्योरिटी अवधि 15 साल की होती है, लेकिन अकाउंट के 5 साल पुराने हो जाने पर इसमें आप लोन की सुविधा ले सकते हैं. इसके अलावा आप प्री-मैच्योरिटी विदड्रॉल का भी लाभ ले सकते हैं. तो क्या है इसकी प्रक्रिया, जानिए पूरी डिटेल.
25 फीसदी तक ले सकते हैं लोन
पीपीएफ अकाउंट से लोन लेने के लिए समय अवधि के अलावा जमा राशि भी मायने रखती है. आप जमा राशि पर 25 फीसदी तक ही लोन ले सकते हैं. ये सुविधा लेने पर पहले लोन का प्रिन्सिपल अमाउंट यानी मूलधन चुकाना होता है, उसके बाद ब्याज. प्रिन्सिपल अमाउंट को आप किस्तों में चुका सकते हैं.
इन्हें नहीं मिलेगा लोन का लाभ
अगर किसी अकाउंट होल्डर का पीपीएफ अकाउंट डिएक्टिवेट हो गया है तो आप उस पर लोन नहीं ले सकते. इसके अलावा अगर आपने पीपीएफ पर पहले कोई लोन लिया है और जब तक वो खत्म नहीं हो जाता, आप इस पर दूसरा लोन नहीं ले सकते हैं. नाबालिग खुद लोन नहीं ले सकते हैं, इसके लिए अभिभावक के नाम से आवेदन किया जा सकता है. इसके लिए अकाउंट्स ऑफिस में सर्टिफिकेट जमा करना होगा.
लोन चुकाने के लिए मिलते हैं 36 महीने
लोन की प्रिंसिपल राशि का भुगतान करने के लिए 36 महीने का वक्त दिया जाता है. ये समय सीमा तब से शुरू होती है जिस महीने में आपने लोन लिया है. लोन के लिए प्रभावी ब्‍याज दर PPF पर मिल रहे ब्‍याज से केवल 1 फीसदी ज्‍यादा है. अगर आपने नियत समय के अंदर लोन का प्रिन्सिपल अमाउंट चुका दिया है लेकिन ब्याज का कुछ हिस्सा बाकी है तो वह आपके PPF अकाउंट से काटा जाता है.
लोन न चुकाने पर भरना होगा अतिरिक्त ब्याज
अगर आप लोन तय वक्त पर नहीं चुका पाते हैं तो बचे हुए लोन की राशि पर सालाना छह फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. यह छह फीसदी ब्याज दर जिस महीने में लोन लिया है, उसके अगले महीने के पहले दिन से लेकर जिस महीने आखिरी किश्त का भुगतान होगा, उसके आखिरी दिन तक रहेगी. अगर इस दौरान अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो नॉमिनी या उत्तराधिकारी को इसका ब्याज चुकाना होगा.


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