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नेता और अभिनेता राज बब्बर के प्यार की कहानी: शादीशुदा होते हुए भी की प्यार में दूसरी मंजिल की तलाश, पढ़े कैसे बनी त्रिकोणीय लव स्टोरी

jantaserishta.com
20 Jan 2021 4:23 AM GMT
नेता और अभिनेता राज बब्बर के प्यार की कहानी: शादीशुदा होते हुए भी की प्यार में दूसरी मंजिल की तलाश, पढ़े कैसे बनी त्रिकोणीय लव स्टोरी
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फाइल फोटो 

बॉलीवुड सितारों के प्यार की कहानियां हमेशा से ही फिल्मी दुनिया में दिलचस्पी लेने वालों के लिए खास रही हैं. कुछ जोड़ियां प्यार के बाद शादी कर लेती हैं, किसी जोड़ी की कहानी बिना शादी किए ही लोगों की जुबां पर चढ़ जाती है तो कुछ शादीशुदा होते हुए भी प्यार में दूसरी मंजिल की तलाश कर लेती हैं. हालांकि, अंजाम हमेशा खुशनुमा हो ये तय नहीं और हमेशा ट्रैजिक एंड ही हो ऐसा भी नहीं होता. प्यार में उलझन, एक साथ कई जिंदगियों के प्रभावित होने की कहानी है राज बब्बर के प्यार की कहानी. राज बब्बर और नादिरा की जिसमें स्मिता पाटिल की एंट्री होने के बाद ये लव स्टोरी त्रिकोणीय हो जाती है. और फिर जो होता है सभी जानते हैं.

नादिरा का जन्म 20 जनवरी 1948 को मुंबई में हुआ और आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं. उन्होंने फिल्मी दुनिया में फिल्मों के साथ डायरेक्शन तक का सफर किया. नादिरा की पहचान थियेटर आर्टिस्ट के तौर पर भी होती है. नादिरा और राज बब्बर की शादी 1975 में हुई. दोनों के दो बच्चे हैं जूही और आर्य बब्बर. पर उस वक्त के बड़े स्टार राज बब्बर से शादी लंबी नहीं चली और 1983 में दोनों का तलाक हो गया.
कहा जाता है कि स्मिता पाटिल के जिंदगी में आने के बाद राज बब्बर ने नादिरा का साथ छोड़ने का फैसला ले लिया था. फिल्म 'भीगी पलकें' के सेट पर राज की मुलाकात स्मिता पाटिल से हुई. दोनों में प्यार हो गया. जबकि राज बब्बर और नादिरा के बीच काफी खुशनुमा रिश्ता था. दोनों ने लव मैरिज भी की थी.
राज ने एक इंटरव्यू में कहा था कि नादिरा के साथ खराब रिश्तों की वजह से मैं स्मिता के साथ प्यार में नहीं पड़ा था. ये बस हो गया. नादिरा समझदार थी. उसने मेरी फीलिंग्स को समझा. बाद में स्मिता पाटिल से उन्हें एक बेटा हुआ, जिसका नाम प्रतीक बब्बर है. प्रतीक को जन्म देने के दो हफ्ते बाद ही उनका निधन हो गया था.
1986 में स्मिता पाटिल के निधन के बाद राज बब्बर फिर से अपनी पहली पत्नी नादिरा के पास चले गए. दोनों ने अपने दोनों बच्चों जूही और आर्य के साथ फिर से जिंदगी शुरू की. वहीं, प्रतीक बब्बर अपने नाना-नानी के पास रहने लगे थे.


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