लता मंगेशकर के जन्मदिन पर रिलीज हुआ उनका गाना, 22 साल पहले किया था रिकॉर्ड
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लता मंगेशकर 28 सितम्बर 2021 को अपना 91वां जन्मदिन मना रही हैं। लता मंगेशकर को हिन्दी सिनेमा की मलिका कहा जाता है। उनके गाने एक बार कोई सुन ले तो उनका दिल बार-बार उन्हीं गानों को सुनने का करता है। लता मंगेशकर ने हिन्दी सिनेमा को कई यादगार गाने दिए हैं और अब अपने जन्मदिन के खास मौके पर वो अपने प्रशंसकों के लिए एक खास तोहफा लेकर आईं हैं। 22 साल पहले रिकॉर्ड किया गया लता मंगेशकर का गाना 'सब ठीक तो है, लेकिन सब ठीक नहीं लगता' उनके जन्मदिन के मौके पर रिलीज हो रहा है।
गुलजार साहब ने लिखे गाने के बोल
दरअसल ये गाना एक फिल्म में फिल्माया जाना था। लेकिन वो फिल्म कभी भी नहीं बनी। इस गाने को फिल्म से पहले ही रिकॉर्ड कर लिया गया था। गाने के बोल जहां गुलजार साहब ने लिखे थे तो वही इस गाने का संगीत निर्देशक और कम्पोजर विशाल भारद्वाज ने बनाया था। लता जी की आवाज में गाए गए इस गाने की सबसे बड़ी खासियत ये है कि गाने को ना आज के समय के हिसाब से रीमिक्स किया गया और न ही गाने में बदलाव हुआ।
लता मंगेशकर ने जताई खुशी
22 साल बाद रिलीज हो रहे अपने इस गाने पर लता मंगेशकर ने खुशी जताई। उन्होंने कहा, 'संगीत मेरा जीवन है और अब तक मैं गाती आईं हूं। विशाल भारद्वाज और गुलजार जी ने जो गाने लिखें हैं वो बहुत ही सुरीले और अच्छे हैं। गुलजार जी का कोई जवाब नहीं। विशाल भारद्वाज जी ने उस दौरान जो गाने बनाए वो बहुत अच्छे गीत थे। गुलजार जी की माचिस पिक्चर थी, जिसमें पहला गाना था 'ए हवा' दूसरा था 'पानी-पानी रे खारे पानी रे'। सभी गाने बहुत अच्छे थे, एक गाना माचिस में रह गया 'ए हवा' वहां से निकाला गया क्योंकि स्थिति अलग थी'।
गाना हुआ फिल्म से पहले रिकॉर्ड
विशाल भारद्वाज और गुलजार जी के साथ एक और फिल्म पर बातचीत करते हुए लता मंगेशकर ने कहा, 'उसके बाद हमने एक और फिल्म के लिए गाना किया था। गाना लिखा गुलजार जी ने था और संगीत विशाल जी का था, उस पिक्चर में ये गाना था 'सब ठीक तो है लेकिन सब ठीक नहीं लगता', लेकिन वो पिक्चर ही नहीं बनी। उसके बाद विशाल जी ने गुलजार जी से बात की, उस फिल्म में जो हमारा गाना रिकॉर्ड हुआ था, वो गाना वो रिलीज कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है सुनने वालों को गाना पसंद आएगा, इसके बोल धुन पसंद आएंगे। क्योंकि विशाल भारद्वाज बहुत अच्छे संगीतकार हैं। मेरी शुभकामनाएं हैं कि ये रिकॉर्ड अच्छी चले और लोग उन्हें शुभकामनाएं दें।
लता जी से तारीफ सुनकर खुश हुए विशाल भारद्वाज
लता जी से तारीफ सुनने के बाद विशाल भारद्वाज काफी खुश हुए। जब उनसे लता जी द्वारा की गई तारीफ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, 'लता जी के मुंह से तारीफ सुनने के बाद मुझे लगता है बस मेरे पैर जमीन पर रहें। ये मेरे लिए बहुत बड़ा कॉम्प्लिमेंट हैं। शायद इसी दिन के लिए जीवन मिला है'।
गुलजार साहब ने कहा बच गए विशाल भारद्वाज
गुलजार साहब ने अपने इस गाने के बारे में बातचीत करते हुए कहा, 'आज के समय में ये बहुत अच्छी बात है कि लोग गाने से खुद को जोड़ पा रहे हैं। विशाल बहुत लकी हैं कि इस गाने का रीमिक्स करने से वो बच गए वरना रीमिक्स सब कुछ खराब कर देता है। यहां हर म्यूजिक और शब्द अपने दौर को साथ लेकर चलता है'।
लता जी के साथ बॉंडिंग पर की बात
विशाल भारद्वाज ने लता जी के साथ अपनी बॉंडिंग के बारे में भी बताते हुए कहा, 'जब मैं लता जी के साथ माचिस की रानी कर रहा था तो मैं बहुत ही घबराया हुआ था क्योंकि लता जी एक बहुत बड़ी शख्सियत हैं, उनका वजूद ऐसा है कि जब वो गाना रिकॉर्ड कर रहीं थीं तो मैं बहुत ही घबराया हुआ था। मेरे को बुलाकर उन्होंने कहा ये बिलकुल भूल जाइए मैं लता मंगेशकर हूं, मेरा नाम भूल जाइए और नए सिंगर की तरह ट्रीट कीजिए, शायद यही वजह हैं कि आज लता मंगेशकर लता मंगेशकर हैं। इसलिए उनका गाना हमेशा उनका गाना है और उनका रहा है। ये गुण आज तक मैंने किसी भी सिंगर में नहीं देखें हैं। जब उन्होंने सीखा तो शागिर्द बनकर सीखा और जब सिखाया तो उस्ताद बनकर सिखाया। इंसानियत और प्रोफेशन आज तक ऐसा मिश्रण मुझे किसी भी सिंगर में नहीं मिला'।
लता जी को मनाना मुश्किल था या आसान
विशाल भारद्वाज से जब ये पूछा लता मंगेशकर को गाने के लिए मनाना मुश्किल था या आसान तो उन्होंने कहा, 'लता जी को कोई फोर्स नहीं कर सकता। जब हमें ये मालूम हों कि लता जी ये गाना गाएंगी तो हम पहले से ही उन चीजों का ध्यान रखते थे। ताकि जब लता जी के सामने जाएं तो वो उन्हें पसंद आए'।
लता जी के साथ पहली मीटिंग याद है।
विशाल भारद्वाज ने लता जी के साथ अपनी पहली मीटिंग की यादों को भी साझा किया। उन्होंने कहा, 'जब मैं मुंबई आया था तो ये मेरा सपना था कि मेरा एक गाना गुलजार साहब के साथ हो जाए जोकि लता जी गाए और मुझे उनसे मुलाकात करने का मौका मिल जाए'।