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राजकीय सम्मान के साथ हुआ लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार, दो दिन का राष्ट्रीय शोक

Subhi
7 Feb 2022 1:32 AM GMT
राजकीय सम्मान के साथ हुआ लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार, दो दिन का राष्ट्रीय शोक
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महान गायिका लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उन्हें मुखग्नि दी। मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर को आखिरी विदाई दी गई।

महान गायिका लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उन्हें मुखग्नि दी। मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर को आखिरी विदाई दी गई। उनके निधन से हर कोई सदमे में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, राज ठाकरे समेत दूसरे नेताओं ने शिवाजी पार्क पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही शाहरुख खान, सचिन तेंदुलकर, रणबीर कपूर, आमिर खान ने भी उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किया। वहीं अमिताभ बच्चन, आदित्य ठाकरे, अनुपम खेर, संजय लीला भंसाली, आशुतोष गोवारिकर और जावेद अख्तर सहित अन्य लोग उनके घर 'प्रभुकुंज' पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।

लता मंगेशकर के आखिरी सफर में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी और नम आंखों से लोगों ने उन्हें विदाई दी। अंतिम संस्कार के काफिले में गायिका आशा भोसले और उनका पूरा परिवार मौजूद रहा।

कोरोना होने के बाद लता मंगेशकर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह करीब 1 महीने तक ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं। इस बीच उनके फैन्स उनके लिए लगातार दुआएं कर रहे थे लेकिन स्वर कोकिला ने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया।

दो दिन का राष्ट्रीय शोक

डॉक्टर प्रतीत समदानी अपनी टीम के साथ लता मंगेशकर का इलाज कर रहे थे। लता मंगेशकर के निधन पर डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा, उनके कई अंगों ने काम बंद कर कर दिया जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। सुबह 8 बजकर12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। केंद्र सरकार ने लता मंगेशकर के निधन पर 6 और 7 फरवरी को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

'खालीपन छोड़ गईं'

लता मंगेशकर के निधन पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य राजनीतिक हस्तियों ने दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं ये दुख शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा हूं। दयालु और देखभाल करने वालीं लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। उन्होंने जो खालीपन छोड़ा है उसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी मधुर आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अनोखी क्षमता थी।'


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