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कीर्ति कुल्हरी: 'ह्यूमन ड्रग ट्रायल के बारे में जानना मेरे लिए शॉकिंग था'

Neha Dani
12 Jan 2022 7:34 AM GMT
कीर्ति कुल्हरी: ह्यूमन ड्रग ट्रायल के बारे में जानना मेरे लिए शॉकिंग था
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आप आंखें बंद करके स्क्रीन पर दिखा दीजिए, लेकिन मुझे मजा आता है, किरदार की बारीकियां समझने में।

फोर मोर शॉट्स प्लीज, बार्ड ऑफ ब्लड, क्रिमिनल जस्टिस- बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स जैसी वेब सीरीज में नजर आ चुकीं कीर्ति कुल्हरी अब डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ह्यूमन में शेफाली शाह के साथ मुख्य भूमिका में दिखेंगी। सीरीज 14 जनवरी को प्लेटफॉर्म पर आ रही है। ह्यूमन ड्रग ट्रायल्स के काले खेल पर बनी थ्रिलर सीरीज में कीर्ति का किरदार एक डॉक्टर का है। जागरण डॉट कॉम से बातचीत में कीर्ति ने सीरीज, अपने किरदार और नये साल में अपनी योजनाओं पर रोशनी डाली। पेश है बातचीत-

मैं डॉ. सायरा सभरवाल बनी हूं। यह भोपाल में पली-बढ़ी है। बचपन से इसका मन था, यह डॉक्टर बने। फादर कम्पाउंडर थे, आज भी हैं। अपने पापा की तरह सच में लोगों की मदद करना चाहती है। लोअर मिडिल क्लास से है। मेहनत करके अब जानी-मानी कार्डिएक सर्जन बन चुकी है। कम उम्र में बहुत नाम कमाया है। प्रोफेशनली वो बहुत सक्सेसफुल है, मगर निजी लाइफ में परेशानियों से घिरी है। उसकी निजी रिश्ते काफी उलझे हुए हैं। काफी चीजों का बैगेज लेकर भाग रही है। जब उसे सीरीज में देखते हैं तो लगभग स्प्लिट पर्सनैलिटी लगती है। समझ नहीं आता कि वो है क्या? बहुत कॉम्प्लेक्स कैरेक्टर है।
बिल्कुल व्हिसिलब्लोअर का ही कॉन्सेप्ट है शो में। कुछ लोग सिस्टम के खिलाफ खड़े होते हैं, बिल्कुल उस तरह का कॉन्सेप्ट है। थ्रिलर सीरीज है, इसलिए इस बारे में बहुत ज्यादा बातें नहीं कर पाऊंगी मनोज जी, क्योंकि कहानी इस तरह से पिरोयी गयी है।
इस किरदार के बारे में बहुत सी ऐसी बातें थीं, जो मुझे समझनी थीं। जब मुझे बताया गया कि असली घटनाओं से प्रेरित है तो मेरी दिलचस्पी और बढ़ गयी थी। मुझे इसके विभिन्न पहलू समझने थे। ह्यूमन ड्रग्स ट्रायल को लेकर तो हमारे लेखकों मोजेज (सिंह) और इशानी (बनर्जी) के पास काफी इनफॉर्मेशन थी। मेरी बहन डॉक्टर हैं, उनके पति भी डॉक्टर हैं। उन्होंने मुझसे कई ऐसी बातें शेयर कीं, जो शायद बाहर वालों के साथ नहीं करेंगे। वो मेरे लिए काफी अहम था, क्योंकि हमें ज्यादा पता नहीं होता कि अंदर क्या-क्या चल रहा होता है। वो इंडस्ट्री इंसाइडर्स हैं और मुझे काफी समझ में आया। मैं साइकिएट्रिस्ट से भी मिली। किरदार तो ऐसे भी निभाया जा सकता है कि आप आंखें बंद करके स्क्रीन पर दिखा दीजिए, लेकिन मुझे मजा आता है, किरदार की बारीकियां समझने में।


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