x
‘कहानी घर घर की’ ने इंडस्ट्री में मेरी पहचान कायम करने में बड़ी मदद की
मुंबई: एकता कपूर का हिट शो 'कहानी घर घर की' 14 साल बाद एक बार फिर छोटे पर्दे पर वापसी कर रहा है. इस शो में साक्षी तंवर और किरण करमाकर ने पार्वती और ओम का किरदार निभाकर घर-घर में अपनी पहचान बनाई. ये शो जल्द ही टीवी पर दर्शकों के लिए दोबारा प्रसारित किया जाएगा. अभिनेता ने इस शो से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को नवभारत के साथ विशेष रूप से साझा किया है.
कई वर्षों बाद शो की वापसी हो रही है, कैसा महसूस कर रहे हैं?
शो एक बार फिर से दर्शकों के बीच दस्तक दे रहा है जिसको लेकर काफी उत्साहित हूं. ये शो 20 साल पुराना है, तो पता नहीं आज के दर्शक इसको किस तरह से देखेंगे. क्या इस शो को आज के ऑडियंस से उतना ही प्यार मिल पाएगा या नही? इसके बारे में मेरे मन में एक्साइटमेंट और नर्वसनेस दोनों ही बनी रहती है.
शो के साथ आप लोगों के जहन में बस गए थे, उस दौर का कोई पुराना किस्सा साझा करना चाहेंगे?
उस वक्त का एक किस्सा मुझे याद है. एयरपोर्ट पर एक आदमी ने गुस्से से मुझे कहा था कि आपकी वजह से मुझे घर में समय पर खाना नहीं मिल पाता. आप अपने शो का टाइम बदल दो क्योंकि घर की महिलाएं सीरियल देखती रहती हैं और हम खाने का इंतजार करते रहते हैं. उस दौरान मुझे ये समझ नहीं आ रहा था कि मैं गुस्सा करूं, खुश हो जाऊं या हंसू. उस दौरान रिक्शा वाले से लेकर फ्लाइट अटेंडेंट, सब मुझे पहचानते थे.
ओम का किरदार आइकोनिक रहा लेकिन असल जिंदगी में आप उससे कितना जुड़े हुए हैं?
ओम के किरदार में जो अच्छाईयां थी वो काफी हद तक मुझमें भी हैं. मैं भी अपने रिश्तों को लेकर काफी सेन्सटिव हूं. रियल लाइफ में ओम के जितनी बड़ी मेरी फैमिली नहीं हैं. लेकिन वो कैरेक्टर काफी हद तक मुझसे जुड़ा हुआ था.
इस शो के बाद आपकी लाइफ किस तरह से चेंज हुई है?
यह शो करने से पहले मुझे लोगों को बताना पड़ता था कि मैंने क्या काम किया है. लेकिन 'कहानी घर घर की' करने के बाद मुझे एक अलग पहचान मिली. यह शो करने के बाद जब भी मुझे किसी शो के लिए एप्रोच जाता था तो उन्हें पहले से पता होता था कि मैंने क्या काम किया हैं. इस शो के जरिए मुझे काफी पहचान और सराहना मिली.
अपनी वापसी के साथ क्या ये शो दर्शकों को उतना ही आकर्षित कर पाएगी?
जब कोई पॉपुलर शो कमबैक करता है तो कहीं न कहीं ऑडियंस में उसको लेकर एक क्रेज बना रहता है. आज की ऑडियंस जब इस शो को देखेगी तो कहीं न कहीं उनको यह पता लगेगा कि उस दौर के शो में किस प्रकार का ठहराव होता था जो अब कम ही देखने को मिलता है.
सोर्स- नवभारत.कॉम
Rani Sahu
Next Story