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केजीएफ एक्टर यश साउथ फिल्मों की सक्सेस पर बोले, बाहुबली ने सब बदला

Neha Dani
7 Nov 2022 4:18 AM GMT
केजीएफ एक्टर यश साउथ फिल्मों की सक्सेस पर बोले, बाहुबली ने सब बदला
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बल्कि इंस्पायर करने के लिए बनाया गया। लोगों ने अब साउथ की फिल्मों पर ध्यान देना शुरू किया है।
पिछले कुछ साल से हर तरफ साउथ की फिल्मों का ही डंका बज रहा है। जहां बॉक्स ऑफिस पर साउथ की फिल्में धड़ल्ले से बंपर कमाई कर रही हैं, वहीं बॉलीवुड की फिल्में फुस्स साबित हो रही हैं। पर कुछ साल पहले ऐसा नहीं था। तब हर तरफ बॉलीवुड की फिल्में छाई थीं और साउथ की फिल्मों को हिंदी में डब करके टीवी पर टेलिकास्ट किया जा रहा था। उस समय लोगों को कन्नड़ से लेकर मलयालम, तमिल और तेलुगू भाषा की फिल्मों में दिखाया जाने वाला एक्शन समझ नहीं आता था। 'केजीएफ' स्टार यश की भाषा में कहें तो लोग तब साउथ की फिल्मों का मजाक उड़ाते थे।
Yash ने हाल ही 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव' में साउथ फिल्मों की सफलता और फ्लॉप होती बॉलीवुड की फिल्मों पर बात की। उन्होंने बताया कि नॉर्थ में पहले साउथ की फिल्मों को किस नजरिए से देखा जाता था। यश के मुताबिक, एसएस राजामौली ने फिल्म 'बाहुबली' से सबकुछ बदल दिया और तभी से साउथ की फिल्मों को नॉर्थ में भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाना शुरू हुआ।
यश ने कहा, '10 साल पहले नॉर्थ में हिंदी में डब की हुई साउथ की फिल्में बहुत पॉपुलर थीं। लेकिन शुरुआत में इन फिल्मों को लेकर यहां के लोगों की अलग-अलग राय थी। लोग तब साउथ की फिल्मों का मजाक उड़ाते थे। लोग कहते थे कि साउथ की फिल्म किसी चैनल पर आ रही है। ये क्या एक्शन है। उड़ रहे हैं सब। लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इसे पसंद करना शुरू किया। उन्होंने इस आर्ट फॉर्म को समझना शुरू किया।'
साउथ की फिल्मों के मजाक की क्या थी वजह? यश ने बताया
यश ने आगे कहा, 'तब प्रॉब्लम यह थी कि हमारी फिल्में कम रेट में बिकती थीं और उनकी डबिंग बहुत ही खराब की जाती थी। उन्हें बहुत ही खराब तरीके से और फनी नामों के साथ प्रेजेंट किया जाता था। मेरे साथ भी ऐसा हुआ है। लोग मुझे 'रैंबो सर' और 'ग्रेट लायन' बुलाने लगे थे। मैं तब सोचता था कि ये लोग किस बारे में बात कर रहे हैं? लेकिन अब लोग साउथ की फिल्मों को समझने लगे हैं।'
यश ने एसएस राजामौली की 'बाहुबली' को दिया क्रेडिट
यश ने साउथ फिल्मों को मिल रहे प्यार और सम्मान का क्रेडिट एसएस राजामौली को दिया। वह बोले, 'लोगों ने हमारी डब की हुई फिल्मों को समझना शुरू किया। इसका क्रेडिट एसएस राजामौली सर को जाता है। अगर आपको एक पत्थर तोड़ना है तो लगातार कोशिश करनी होगी। 'बाहुबली' से हमें वो रास्ता मिला। 'केजीएफ' को एक अलग सोच के साथ बनाया गया था। इसे किसी को डराने के लिए नहीं बल्कि इंस्पायर करने के लिए बनाया गया। लोगों ने अब साउथ की फिल्मों पर ध्यान देना शुरू किया है।

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