![रिश्ते पर चुप्पी साधे रखना रिश्ते पर चुप्पी साधे रखना](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/07/03/3111248-download-36.webp)
दिल्ली : कद्दावर अदाकार धर्मेंद्र (Dharmendra) अपने पारिवारिक जीवन को निजी रखना पसंद करते हैं। यही वजह है कि अब तक वह अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर और दूसरी पत्नी हेमा मालिनी (Hema Malini) के बीच के संबंध पर खामोशी साधे हुए हैं। हालांकि, पोते करण देओल की विवाह के बाद उनकी दूसरी पत्नी हेमा मालिनी और बेटियों ईशा और अहाना के लिए उनके हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। सभी जानते हैं कि धर्मेंद्र ने जब हेमा मालिनी से विवाह की वह पहले से शादीशुदा थे और चार बच्चों के पिता थे। ऐसे में हेमा को अपनाने के लिए उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था।
अपने दौर के टॉप अभिनेता रहे धर्मेंद्र ने जब हेमा से विवाह की तो कई तरह की बातें कही गईं और कद्दावर अदाकार को वुमनाइजर तक बोला गया। हालांकि, इण्डिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में, प्रकाश कौर ने धर्मेंद्र की दूसरी विवाह के बाद भी उनका बचाव किया और कहा, “सिर्फ मेरे पति ही क्यों, कोई भी पुरुष चाहेगा कि वह मेरे मुकाबले हेमा को पसंद करे। किसी ने मेरे पति को वुमनाइजर कहने की हौसला कैसे की, जबकि आधी इंडस्ट्री यही काम कर रही है? सभी एक्टर्स के अफेयर चल रहे हैं और वे दूसरी विवाह कर रहे हैं।”
धर्मेंद्र के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘हो सकता है कि वह सबसे अच्छे पति न हों, हालांकि वह मेरे लिए बहुत अच्छे हैं, लेकिन वह निश्चित रूप से अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छे पिता जरूर हैं। उनके बच्चे उनसे बहुत प्यार करते हैं। वह कभी भी उनकी उपेक्षा नहीं करते। मैं समझ सकती हूं कि हेमा पर क्या बीत रही होगी। यहां तक कि उसे दुनिया, अपने संबंधियों और अपने दोस्तों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन यदि मैं हेमा की स्थान होती तो वो नहीं करती जो उन्होंने किया। क्योंकि, एक स्त्री होने के नाते मैं उनकी भावनाओं को समझ सकती हूं। लेकिन एक पत्नी और मां के तौर पर मैं उन्हें स्वीकार नहीं करती।”
प्रकाश कौर ने धर्मेंद्र को अपनी जीवन का पहला और अंतिम आदमी बताते हुए कहा- ‘वह मेरे जीवन के पहले और अंतिम आदमी हैं। वह मेरे बच्चों के पिता हैं। मैं उनसे बहुत प्यार और सम्मान करती हूं।’ जो हो गया सो हो गया। मुझे नहीं पता कि मुझे इसके लिए उसे गुनाह देना चाहिए। लेकिन फिर भी एक बात निश्चित है, वह भले ही मुझसे दूर क्यों ना हों, और कुछ भी हो जाए। यदि मुझे उनकी आवश्यकता होगी तो मुझे पता है कि वह वहां रहेंगे। मैंने उन पर अपना भरोसा नहीं खोया है। आखिरकार, वह मेरे बच्चों के पिता हैं।’