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'सुस्वागतम खुशामदीद' में कटरीना कैफ की बहन इसाबेल कैफ दिखायगे अपना दम, धीरज कुमार की लाइफ स्टोरी भी कुछ कम नहीं

Nilmani Pal
9 Aug 2021 5:46 PM GMT
सुस्वागतम खुशामदीद में कटरीना कैफ की बहन इसाबेल कैफ दिखायगे अपना दम, धीरज कुमार की लाइफ स्टोरी भी कुछ कम नहीं
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फिल्ममेकर धीरज कुमार जल्दी ही कटरीना कैफ की बहन इसाबेल कैफ और पुलकित सम्राट के साथ फिल्म 'सुस्वागतम खुशामदीद'

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:- फिल्ममेकर धीरज कुमार जल्दी ही कटरीना कैफ की बहन इसाबेल कैफ और पुलकित सम्राट के साथ फिल्म 'सुस्वागतम खुशामदीद' लेकर आ रहे हैं। 'काशी - इन सर्च ऑफ़ गंगा' से बतौर निर्देशक बॉलीवुड डेब्यू करने वाले धीरज कुमार की रियल लाइफ स्टोरी भी किसी मोटिवेशनल फिल्म की कहानी से कम नहीं।

धीरज कुमार ने साल 2018 में अपनी पहली हिंदी फिल्म 'काशी - इन सर्च ऑफ गंगा' से बतौर निर्देशक बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया था, मगर पटना से आकर मुम्बई में सिनेमा बनाने का उनके जुनून का संबंध उनके बपचन से है। ऐसा बचपन जो साधारण नहीं, बल्कि पोलियोग्रस्त था। पोलियो से पीड़ित नन्हे धीरज कुमार का दिल रोज़ाना सिनेमा के लिए धड़कता था। सिनेमा देखने का जुनून कुछ ऐसा था कि पटना में रिलीज होने वाली हर फिल्म देखना धीरज के लिए जैसे एक रिवाज सा बन गया था और इस रिवाज में नन्हे धीरज की मां अहम भूमिका निभाया करती थी।
सरकारी नौकरी करने वाले पिता को फ़िल्में देखने का कतई शौक नहीं था। ऐसे में फिल्में देखने के शौकीन धीरज की मां अपने पोलियोग्रस्त बेटे को फ़िल्में देखने के लिए सिनेमाघर ले जाया करती थी। मां के साथ फ़िल्में देखने का ये रिवाज़ नन्हे धीरज को एक दिन बॉलीवुड तक ले आएगा, ये ना तो कभी मां ने सोचा था और ना ही ख़ुद धीरज कुमार ने। मगर पटना में बड़े होते धीरज के लिए सिनेमा की दुनिया में जाकर कुछ करने की चाह से पहले अपनी पोलियोग्रस्त ज़िंदगी से लड़ना बड़ी चुनौती था। धीरज की शारीरिक कम़जोरी अक्सर लोगों के लिए उपहास का पात्र हुआ करती थी। ऐसे में धीरज ने जद्दोजहद कर अपनी शारीरिक कम़जोरी कुछ हद तक क़ाबू पाया.।
बड़े होकर धीरज कुमार ने पटना से मुम्बई का रुख किया तो हिंदी सिनेमा बनाने के सपने को साकार करने से पहले धीरज कुमार ने भोजपुरी सिनेमा में हाथ आज़माया। राहुल रॉय को धीरज कुमार की लिखी कहानी पसंद आई, तो उन्होंने धीरज कुमार की पहली भोजपुरी फ़िल्म 'ऐलान' को ना सिर्फ़ प्रोड्यूस किया, बल्कि मनोज तिवारी के साथ उसमें काम भी किया। फ़िल्म कामयाब रही तो धीरज कुमार ने एक और भोजपुरी फ़िल्म 'सबसे बड़ा दुश्मन' बनाई, मगर धीरज कुमार का मक़सद भोजपुरी फ़िल्में बनाने का नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा बनाने के अपने जुनून को पूरा करना था।
इस दिशा में सात साल तक की गई धीरज कुमार की मेहनत रंग लाई और 2018 में उन्होंने अपनी हिंदी फ़िल्म 'काशी - इन सर्च ऑफ़ गंगा' बनाई। शरमन जोशी अभिनीत इस फ़िल्म के साथ साथ निर्देशक धीरज कुमार की भी चर्चा हुई। धीरज कुमार अब पुलकित सम्राट और इसाबेल कैफ़ के साथ फ़िल्म 'सुस्वागतम ख़ुशामदीद' बना रहे हैं। वे इस फ़िल्म की शूटिंग पूरी कर चुके हैं।
पटना से मुम्बई में बॉलीवुड के अपने सफ़र के बारे में धीरज कुमार कहते हैं, "पटना के सिनेमाघरों में अपनी मां के साथ फ़िल्में देखने जानेवाला एक पोलियोग्रस्त लड़का कभी फ़िल्म डायरेक्टर बनेगा, ये बात लोगों को भले ही अचंभित करती हो मगर सपने सच होते हैं। इसी विश्वास ने मुझे आज वहां पहुंचा दिया जिसके सपने मैं बचपन से देखा करता था।"


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