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करण मेहरा ने बेटे काविश को याद कर कही ये बात

Tara Tandi
15 Sep 2021 2:57 AM GMT
करण मेहरा ने बेटे काविश को याद कर कही ये बात
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टेलीविजन के चर्चित धारावाहिक 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' में 'नैतिक सिंघानिया' का किरदार निभाने वाले अभिनेता करण मेहरा का घरेलू विवाद किसी से छिपा नहीं है। कण मेहरा की पत्नी निशा रावल ने अपने पति करण मेहरा के ऊपर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवाया था। ये मामला कई दिनों तक मीडिया में बना रहा था। निशा ने आरोप लगाया था कि करण ने उनके ऊपर हाथ भी उठाया है और ऐसा वो पहले भी कई बार कर चुके हैं। पत्नी के साथ हुए झगड़े के बाद अब करण मेहरा अपने बेटे को मिस कर रहे हैं।

दरअसल हाल ही में करण मेहरा ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ खास बातचीत की है। इस बातचीत के दौरान उन्होंने बताया है कि निशा के साथ हुए विवाद के बाद से उन्होंने अपने बेटे को देखा तक नहीं है। इस इंटरव्यू में कण ने ये भी बताया कि इस केस के बाद से उनकी जिंदगी कैसी हो गई है। करण ने बताया कि वो इस समय कैसी सिचुएशन से जूझ रहे हैं। साथ ही उनका ये भी मानना है कि इस तरह के मामले में पुरुषों पक्ष का सुना ही नहीं जाता है। करण ने बताया कि 100 दिन से भी ज्यादा का समय बीत चुका है उन्होंने अब तक अपने बेटे काविश को देखा तक नहीं ह

करण ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि, 'मेरे परिवार में सभी को यहां तक कि मेरे माता-पिता को झूठे मामले में फंसाया गया है और यह कठिन वक्त रहा है। मेरे माता-पिता का यह सब झेलना सही नहीं है। मेरे पिता हार्ट पेशेंट हैं। यह काफी परेशान करने वाला है। कानूनी लड़ाई आसान नहीं है। मैं अपने घर से बाहर हूं, जबकि मेरी पत्नी और उसका भाई घर में हैं, आराम से। मेरे पास सारे सबूत हैं और सही समय आने पर मैं अधिकारियों के साथ इन सभी सबूतों को शेयर करूंगा। कोई किसी के बारे में कुछ भी कह सकता है, लेकिन सब सच नहीं होता। मुझे हर आरोप का विरोध करने और अपनी सफाई देने की जरूरत नहीं है। ऐसा न करने से मैं गलत नहीं हो जाऊंगा। काविश हमारे झगड़ों की कहानियां ऑनलाइन देखेंगे। चीजें कानूनी रूप से संभाली जा रही हैं।'


आगे करण कहते हैं, घरेलू हिंसा के मामले में फंसाए जाने पर पुरुषों के लिए लड़ाई कठिन हो जाती है। मुझे ऐसे लोगों लिए बुरा फील हो रहा है जिन्हें ऐसा मामलों में फंसाया जाता है। क्योंकि कानून भी पुरुषों का पक्ष नहीं सुनता है केवल महिलाओं का साथ ही दिया जाता है। अगर मेरे जैसा इंसान इस दौर से गुजर रहा है, तो कोई सोच भी नहीं सकता कि एक आम आदमी किस दौर से गुजर रहा होगा। इसका असर आपके परिवार पर, आपके ऊपर और आपके काम पर भी पड़ता है। लेकिन मैं शुक्रगुजार हूं उन लोगों का जो इस समय में मेरे साथ खड़े हैं यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है।'


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