Mumbai.मुंबई: एक्ट्रेस-बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा कि कुछ साल पहले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में #MeToo आंदोलन के दौरान उन्हें महिलाओं के लिए अकेले ही लड़ना पड़ा था, क्योंकि उनमें से कई महिलाओं ने दबाव के कारण पब्लिकली बोलना बंद कर दिया था। कंगना ने एक नए इंटरव्यू में कहा कि इस वजह से इंडस्ट्री ने उन्हें “प्रॉब्लैमैटिक” कहा। कंगना की ये टिप्पणी जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट के हालिया खुलासे के बाद आई है, जिसे केरल सरकार ने पिछले हफ़्ते जारी किया था। केरल के मुख्यमंत्री को सौंपे जाने के साढ़े चार साल बाद। 233 पन्नों के इस दस्तावेज़ में मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव और शोषण का एक गंभीर आरोप लगाया गया है। कंगना ने कहा कि यह रिपोर्ट उस समय पेश की गई थी, जब बॉलीवुड #MeToo से हिल गया था, जिसके दौरान कई अभिनेताओं, निर्देशकों, निर्माताओं पर यौन दुराचार का आरोप लगाया गया था।