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कंगना रनौत ने अपने खिलाफ कॉपीराइट केस की FIR रद्द करने की मांग की है रोजाना हो रहा 15 लाख का नुकसान
Shiddhant Shriwas
25 Jun 2021 12:54 PM GMT
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कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई कि कंगना के खिलाफ कॉपीराइट केस में दर्ज FIR को भी रद्द किया जाए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कंगना रनौत के खिलाफ एक के बाद एक हुईं एफआईआर ने उनकी अब सच में मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस वजह से उनका पासपोर्ट के रिन्यूअल का काम भी अटक गया है. इसके लिए वो बॉम्बे हाईकोर्ट में केस लड़ रही हैं. इस केस में आज सुनवाई हुई. जिसमें इस केस के अलावा कंगना के वकीलों ने कोर्ट से मांग की कि उनके खिलाफ चल रहे कॉपीराइट केस में भी कोर्ट उस एफआईआर को रद्द करने का आदेश दे.
कंगना की फिल्म के प्रोड्यूर्स की तरफ से पेश हुए वकील ऋषिकेश मुंडार्गी ने कोर्ट को बताया कि कंगना के विदेश न जाने की वजह से उनके क्लाइंट को रोजाना 15 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. इसलिए इस मामले को जल्दी से निपटाया जाए.जिसके बाद रिजवान सिद्दीकी ने कोर्ट से कहा कि वो दोनों केस में राहत चाहते हैं क्योंकि मामला पासपोर्ट का है. आगे किसी और केस को लेकर इसे फिर से रिन्यू होने से रोका जा सकता है. कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए सोमवार तक के लिए आगे बढ़ा दिया है.
कॉपीराइट केस में कंगना को आरोपी बनाया गया है. हो सकता है कि आगे इस केस के चक्कर में उनका पासपोर्ट रोक दिया जाए. इस FIR को रद्द करने के लिए कोर्ट में आज एक नई एप्लिकेशन दी गई. रिजवान का दावा है कि सिर्फ फिल्म का अनाउंमेंट करने की वजह से कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं हो सकता. जिसके बाद अदालत को वकील रिजवान सिद्दीकी से पूछना पड़ गया कि आप किस केस में बहस करने आए हैं. पासपोर्ट केस में या कॉपीराइट केस में?
क्या है मामला?
मुंबई पुलिस ने मार्च में कमल जैन, कंगना, उनकी बहन रंगोली चंदेल और भाई अक्षत रनौत के खिलाफ उस वक्त मामला दर्ज किया जब पुस्तक ''दिद्दा : द वॉरियर क्वीन ऑफ कश्मीर'' के लेखक आशीष कौल ने इन लोगों के खिलाफ कॉपीराइट का उल्लंघन करने और धोखाधड़ी की शिकायत की.
कौल की ओर से स्थानीय अदालत में दाखिल की गई अर्जी के बाद अदालत के आदेश पर खार पुलिस ने धोखाधड़ी, साजिश और कॉपीराइट के उल्लंघन के लिए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. जैन के वकील शिरीष गुप्ते ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे एवं एन जे जामदार की खंडपीठ को बताया था कि जब भी जरूरत होगी, निर्माता कमल जैन पुलिस के समक्ष पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे. इस केस में कंगना के अलावा कमल जैन को पार्टी बनाया गया है.
पीठ ने इस बयान को स्वीकार करते हुए कहा ,''इस बात को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी की जरूरत महसूस नहीं हो रही है. याचिकाकर्ता को एक जुलाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाए.'' कौल ने अनुसार, उन्होंने अपनी किताब की स्टोरीलाइन के संबंध में कंगना को एक ई-मेल भेजा था और उन्होंने कौल से अनुमति लिए बिना अपनी फिल्म की ट्विटर पर घोषणा करते हुए कहानी के एक हिस्से का इस्तेमाल किया था. मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत में कौल ने दावा किया कि दिद्दा के जीवन पर कहानी का कॉपीराइट अधिकार उनके पास है.
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